विधानसभा का मानसून सत्र : अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा सत्र के अंतिम दिवस, अनुपूरक बजट पर चर्चा कल

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा मंजूर कर लिया है। इसके लिए 27 जुलाई यानी मानसून सत्र के अंतिम दिन का समय तय किया गया है। अविश्वास प्रस्ताव पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस पर चर्चा के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस बीच सरकार ने इस साल का पहला अनुपूरक बजट पेश कर दिया है। इस पर शुक्रवार को चर्चा होगी।
नकली शराब को लेकर हंगामा
मानसून सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को प्रश्नकाल में भाजपा विधायक नारायण चंदेल ने सरकारी दुकानों से नकली शराब बिकने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि पियक्कड़ों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला था। उन लोगों ने कहा कि शराब पिकअप नहीं पकड़ रही है। इस पर मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि जांजगीर-चांपा में एक शिकायत मिली थी वहां कार्यवाही हुई है। आबकारी विभाग के सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। रायगढ़ से भी पांच शिकायतें आई थीं। वहां प्लेसमेंट एजेंसी को हटा दिया गया है। वहां भी इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को निलंबित किया गया और आबकारी अधिकारी को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। अगर संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो उन पर भी कार्रवाई होगी। विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि शराब में मिलावट की शिकायत की जांच की क्या व्यवस्था है। किस स्तर का अधिकारी जांच करता है। इस पर आबकारी मंत्री की जगह मोहम्मद अकबर ने बताया कि विभाग के पास इसकी जांच के लिए प्रयोगशाला है। वहीं हाइड्रोमीटर की मदद से मौके पर भी जांच की जाती है।
आबकारी की कंसल्टेंसी पर बवाल
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक धर्मजीत सिंह के सवाल पर मो. अकबर ने कहा कि मंत्रिपरिषद के आदेश पर छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन को झारखंड के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया गया है। इसके बाद सदन में हंगामा हुआ। धर्मजीत सिंह ने कहा कि वहां क्या सलाह देगी। सरकार क्या अब देश भर में शराब बिक्री की भी विशेषज्ञ हो गई है। धर्मजीत सिंह ने पूछा कि इसके लिए झारखंड सरकार ने मांग की थी या छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी ओर से ही उनको प्रस्ताव दिया था। जवाब में अकबर ने कहा कि झारखंड सरकार के अधिकारी यहां की व्यवस्था देखने आए थे। उसके बाद झारखंड सरकार की ओर से इसकी मांग आई। कैबिनेट में विचार के बाद इसको मंजूरी दी गई। उसके बाद आबकारी विभाग ने अफसरों को कंसल्टेंट नियुक्त किया है।
खाद-बीज संकट को लेकर गहमागहमी
भाजपा ने खाद-बीज के संकट को लेकर स्थगन प्रस्ताव दिया। शून्यकाल में शुरू हुआ मामला बहस नहीं पहुंचा। उसकी ग्राह्यता को लेकर ही बवाल हो गया। विपक्ष के आरोपों का सत्ता पक्ष के विधायकों ने हंगामा कर दिया। वे 15 साल रही भाजपा की सरकार के समय के मामले गिनाने लगे। इन सबके बीच काफी वक्त लगा। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दिया। भोजनावकाश का समय भी 4 बजे खत्म होगा।
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