मां और तीन बच्चों को मिली नई रोशनी, मेकाहार में हुई मोतियाबिंद की सर्जरी

मां और तीन बच्चों को मिली नई रोशनी, मेकाहार में हुई मोतियाबिंद की सर्जरी
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मोतियाबिंद के कारण जन्म से परेशानी झेल रहे तीन बच्चों और उसकी मां को सर्जरी के बाद नई रोशनी मिल गई। स्कूल में हुई जांच में तीनों बच्चों के साथ मां के भी मोतियाबिंद से पीड़ित होने का पता चला

रायपुर। मोतियाबिंद के कारण जन्म से परेशानी झेल रहे तीन बच्चों और उसकी मां को सर्जरी के बाद नई रोशनी मिल गई। स्कूल में हुई जांच में तीनों बच्चों के साथ मां के भी मोतियाबिंद से पीड़ित होने का पता चला और नेत्र सहायक की सक्रियता से वे आंबेडकर अस्पताल तक पहुंचे। चारों की मोतियाबिंद की सर्जरी हुई और उनकी धुंधली जिंदगी फिर से रोशन हो गई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बोरियाखुर्द में पदस्थ नेत्र सहायक अधिकारी राजेश कुमार साहू ने बताया कि सप्ताहभर पहले मठपारा स्कूल में हुई नेत्र जांच में दसवीं की छात्रा शारदा, पांचवी पढ़ने वाला यश कुमार और चौथी के छात्र लव कुमार की आंखों में मोतियाबिंद पाया गया।

पूछताछ में यह बात सामने आई कि उनकी मां जानकी भी इस समस्या से पीड़ित है। राजेश साहू, राजेंद्र यादव और उनकी टीम महिला के घर पहुंची। काफी प्रयास के बाद उन्हें मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए तैयार किया गया। इसके बाद टीम उन्हें लेकर आंबेडकर अस्पताल के नेत्र विभाग पहुंची, जहां डाॅक्टरों की टीम ने उनकी सर्जरी की। मां और तीनों बच्चों को अब साफ दिखाई देने लगा है और उनकी अस्पताल से छुट्टी होने वाली है। एक ही परिवार के चार लोगों की मोतियाबिंद की सर्जरी में आंबेडकर अस्पताल की नेत्ररोग विभागाध्यक्ष डाॅ. निधि पांडेय, डाॅ. अमृता वर्मा, डाॅ. मुकेश भगत, डाॅ. स्वाति जैन का भी सहयोग रहा।

सभी जिलों में मोतियाबिंद की सर्जरी

अंधत्व निवारण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डाॅ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि पिछले दिनों चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल काॅलेज में भी मोतियाबिंद की सर्जरी शुरू की जा चुकी है। इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में मोतियाबिंद की सर्जरी की सुविधा प्रारंभ की जा चुकी है। मरीजों को अब यह सर्जरी कराने दूसरे जिलों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।

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