मुख्यमंत्री सड़क योजना, बनते-बनते ध्वस्त हो गई दो सड़के, अब आईएएस की अध्यक्षता में होगी जांच

रायपुर। राजधानी रायपुर से लगे अभनपुर विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत दो सड़कें निर्माण के दौरान ही ध्वस्त हो गईं। बर्बाद सड़कों की मरम्मत भी नहीं कराई गई। यह मामला अभनपुर के कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू ने प्रभारी मंत्री रविंद्र चाैबे की अध्यक्षता में हुई बैठक में उठाया। प्रभारी मंत्री ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में बनी एक कमेटी करेगी।
ये है मामला
अभनपुर विधानसभा क्षेत्र के परसदा में परसदा विद्या मंदिर से लेकर तोलाधाट तथा कठिया उगेतरा मार्ग का निर्माण मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किया गया है। स्थानीय विधायक धनेंद्र साहू का कहना है कि जब ये सड़क बनाई जा रही थी, तभी बनते-बनते ही सड़क ध्वस्त होनी शुरू हो गई। सड़क का काम पूरा होने के साथ यह सड़क पूरी तरह जर्जर हो गई है। जगह-जगह पर गड्ढे हो गए हैं। यहां से लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। इसकी वजह से गंभीर दुर्घटना की आशंका खड़ी हो गई है।
प्रभारी मंत्री ने जताई नाराजगी
रायपुर जिले के प्रभारी मंत्री रविंद्र चौबे की अध्यक्षता में मंगलवार को रायपुर में जिला योजना समिति सह समीक्षा बैठक में इन सड़कों का मुद्दा सामने आने के बाद प्रभारी मंत्री ने सड़कों की खराब हालत और निर्माण में गड़बड़ी की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए नाराजगी जताई। उन्होंने दोनों सड़कों की गुणवत्ता की जांच के आदेश रायपुर कलेक्टर को दिए हैं।
एक हफ्ते में समिति देगी रिपोर्ट
प्रभारी मंत्री ने मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजना के कार्यपालन अभियंता से इस संबंध में जानकारी ली। किसी आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर दोनों सड़कों की जांच कराने के आदेश कलेक्टर को दिए। समिति एक हफ्ते में सड़क की गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगी। प्रभारी मंत्री ने गुणवत्ताहीन सड़क पाए जाने पर संबंधित तत्कालीन अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।
पहले भी शिकायत, जांच के नाम पर लीपापोती
विधायक धनेंद्र साहू ने हरिभूमि से चर्चा में यह जानकारी दी कि वे इस मामले को पूर्व में विधानसभा में उठा चुके हैं। इस संबंध में उनके द्वारा की गई शिकायत के बाद जांच भी हुई, लेकिन जांच के नाम पर लीपापोती कर दी गई। उन्होंने कहा है कि जो ठेकेदार सड़क बनाते हैं, उस सड़क के तीन साल तक मेंटनेंस की जवाबदारी भी ठेकेदार की होती है, लेकिन ये काम भी नहीं किया गया है।
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