नगर निगम और ठेका कंपनी की लापरवाही, 1000 स्ट्रीट लाइट गुल

नगर निगम और ठेका कंपनी की लापरवाही, 1000 स्ट्रीट लाइट गुल
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नगर निगम और ठेका कंपनी की लापरवाही ने कई इलाकों का सुकून छीन लिया है। खासकर आउटर में स्ट्रीट लाइट गुल हैं और वहां चोरी, गुंडागर्दी ने हालात बिगाड़ दिए हैं। ठेका कंपनी की एलईडी घटिया होने का हवाला देते हुए निगम ने व्यवस्था में बदलावा किया लेकिन हालात नहीं बदले। अब भी 1000 स्ट्रीट पोल की लाइट गुल है।

नगर निगम और ठेका कंपनी की लापरवाही ने कई इलाकों का सुकून छीन लिया है। खासकर आउटर में स्ट्रीट लाइट गुल हैं और वहां चोरी, गुंडागर्दी ने हालात बिगाड़ दिए हैं। ठेका कंपनी की एलईडी घटिया होने का हवाला देते हुए निगम ने व्यवस्था में बदलावा किया लेकिन हालात नहीं बदले। अब भी 1000 स्ट्रीट पोल की लाइट गुल है।

दरअसल दर्जनभर कालोनियों और आउटर के इलाकों करीब 1000 से ज्यादा स्ट्रीट लाइट खराब हैं जिसे कई बार शिकायत के बाद भी बदला नहीं गया। चंदनीडीह से अटारी मुख्य मार्ग नंदनवन पर्यटन स्थल अटारी से जरवाय मुख्य मार्ग की स्ट्रीट लाइट एक अरसे से खराब हैं। इस वजह से शाम होते ही अंधेरा छाने लगता है। लोगों को इस मार्ग पर आने-जाने में बेहद परेशानी होती है जबकि यह इलाका नगर निगम के वीर सावरकर वार्ड में आता है। पार्षद कमलेश्वरी-बसंत वर्मा का कहना है बारिश से पहले 200 स्ट्रीट लाइट की मांग की पर मात्र 50 लाइट ही दी गई।

55 हजार स्ट्रीट पोल, 7 साल के लिए ठेका

राजधानी में 55 हजार स्ट्रीट पोल से पुरानी लाइट को एलईडी में बदलने और इसका 7 साल तक मेंटेनेंस करने राज्य शासन ने एनर्जी इंफिशियेंसी सर्विसेस लिमिटेड को ठेका दिया। ठेका एजेंसी को शर्त के मुताबिक 10 जोन के लिए 30 गैंग रखनी थी पर केवल 18 गैंग के सहारे ही काम चलाया जा रहा है। काम संतोषप्रद नहीं होने पर 4 साल में नगर निगम ने ठेका एजेंसी पर 3 बार पेनाल्टी लगाई। बंद पड़ी लाइट को बदलने में लापरवाही के संबंध में आम जनता से लेकर वार्ड पार्षद लगातार शिकायत करते आ रहे हैं। कभी कार्बन आने के कारण लाइट खराब, कभी मरम्मत के सामान नहीं होने पर बंद पड़े लाइट सुधारने में कोताही की वजह से सैकड़ों लाइट महीनों से खराब पड़ी हैं।

सरकारी स्कूल में हुई चोरी

शहीद वीरनारायण सिंह वार्ड के तेलीबांधा सब्जी बाजार, ढीमरपारा, सतनामीपारा, आनंद विहार क्षेत्र की स्ट्रीट लाइट महीनों से खराब है। इस बीच सब्जीबाजार इलाके में घने अंधेरे का फायदा उठाकर चाेरों ने सरकारी स्कूल के पंखा, टेबल पार कर दिए। पार्षद सीमा-संतोष साहू ने बताया है कि आधा दर्जन मोहल्लों में खराब हुई स्ट्रीट लाइट को निकालकर उसे बदलने ठेका एजेंसी महीनेभर पहले ले गई पर आज तक इसे बदला नहीं गया। पूछने पर पता चला कि ठेका एजेंसी ने अपने कर्मचारियों का भुगतान नहीं किया। इस वजह से वे काम पर नहीं आ रहे। इसी तरह गीतांजलि नगर सेक्टर 3, कवितानगर में भी स्ट्रीट लाइट खराब है।

समीक्षा बैठक नहीं

जोन 9 के 7 वार्डों के पार्षद इस बात को लेकर नाखुश हैं कि जोन गठन के बाद पूरी गर्मी बीत गई पर पेयजल की समीक्षा बैठक नहीं हुई। अब बारिश करीब है पर जोन अध्यक्ष से लेकर महापौर तक ने स्ट्रीट लाइट व्यवस्था को लेकर एक बार भी पार्षदों की बैठक नहीं बुलाई।

सालभर पहले आवेदन, 8 खंबे नहीं लग पाए

संत रामदास वार्ड के कृष्णानगर क्षेत्र में पार्षद भोला साहू ने मुख्यमंत्री विद्युत योजना के अंतर्गत नगर निगम में आवेदन देकर 8 नए स्ट्रीट पोल के लिए आवेदन किया पर आज तक खंबे नहीं लग पाए। विधायक से लेकर बिजली विभाग को इसके लिए गुहार लगाई। तुंहर सरकार तुंहर द्वार शिविर में नागरिकों ने अर्जी भी दी। तीन बार इसके लिए सर्वे हुआ पर खंबे नहीं लग पाए। भरतनगर, रामनगर में स्ट्रीट लाइट बंद होने की शिकायत लंबित है।

ठेका एजेंसी की लाइट घटिया

55 हजार स्ट्रीट लाइट का मेंटेनेंस करने ठेका एजेंसी के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है। घटिया क्वालिटी की लाइट लगाने से जल्दी खराब हो जाती थी, इसलिए शिकायत के बाद नगर निगम ने ठेका एजेंसी से नई लाइट लेना बंद कर दिया है। नगर निगम ने अलग से 2 करोड़ का टेंडर कर आवश्यक सामान की खरीदी की है। अब निगम की टीम मेंटेनेंस कर रही है। 18 वाॅट की लाइट की जगह अब 45 वाॅट की लाइट लगा रहे हैं।


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