चरित्र शंका में ममेरे भाई की हत्या, बचने के लिए शव के बगल में लेटकर किया ड्रामा

दुर्ग। जिले में चरित्र शंका में अपने ही ममेरे भाई की हत्या का मामला सामने आया है। आरोप है कि आरोपी ने बेहद दिलचस्प तरीके से पुलिस को गुमराह करने और खुद को बचाने का प्लान बनाया। इस मामले में पुलिस ने हत्या के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया है।
यह मामला अंडा थाना क्षेत्र का है, जहां शनिवार को चिरपोटी इलाके में इस कांड की शुरूआत एक फोन कॉल से हुई। गांव के लोगों ने उतई के सरकारी हॉस्पिटल में खबर दी कि दो युवक सड़क हादसे का शिकार हो गए हैं। जब युवकों को अस्पताल लाया तो इनमें से एक की मौत हो चुकी थी, दूसरे युवक को हल्की चोट आई थी। घटना अवैध संबंध में युवक के रोड़ा बनने की वजह से की गई है।
पुलिस के मुताबिक आरोपी लक्ष्मण चंद्राकर ने कथित रूप से एक हादसे की कहानी पुलिस को सुनाई। जिसमें उसके ममेरे भाई महिपाल चंद्राकर की मौत हो जाने की जानकारी वो देता रहा। शव को जांच के लिए भेजे जाने पर यह बात सामने आई कि मरने वाले के सिर पर चोट आई है। यह हादसे की चोट नहीं, बल्कि किसी के द्वारा किए हमले की चोट है। इस पर पुलिस को लक्ष्मण पर शक हुआ। कड़ाई से पूछताछ करने पर वो बयान बदलने लगा। रविवार को उसने बताया कि उसने ही महिपाल का मर्डर किया था।
पुलिस के मुताबिक, लक्ष्मण का महिपाल की पत्नी से संबंध था। इसकी भनक महिपाल को लग चुकी थी। आरोपी लक्ष्मण चंद्राकर ने बताया कि महिपाल और वह दोनों ही 1 साल से रायपुर की एक फैक्ट्री में काम करते हुए साथ रह रहे थे। महिपाल उसका ममेरा भाई था। 3 दिन पहले धान कुटाने के काम से वह महिपाल को लेकर अपने गांव ओटेबंद आया था। 21 अगस्त की रात शराब पीते वक्त महिपाल चंद्राकर और लक्ष्मण चंद्राकर के बीच पत्नी से संबंध की बात को लेकर झगड़ा हो गया। लक्ष्मण ने इस दौरान गुस्से में आकर मसाला कूटने वाले पत्थर से महिपाल के सिर पर जोरदार वार किया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
देर रात आरोपी लक्ष्मण अपने दोस्त शुभम चंद्राकर की मदद से महिपाल के शव को ओटेबंद से दूर चिरपोटी तिराहा के पास लेकर आया। महिपाल के शव को युवकों ने यहां फेंक दिया। शुभम यहां से घर लौट गया और लक्ष्मण लाश के पास ही लेट गया और अपनी बाइक को ऐसे गिरा दिया, जिससे देखने वालों को यह एक सड़क हादसा लगे। सुबह गांव वालों को हादसे और अनजान लोगों से मारपीट की झूठी कहानी सुना दी। खुद के बेहोश होने की बात भी कही। यह सब सुनकर गांव के लोगों ने इन्हें अस्पताल पहुंचाया था।
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