Murmu in GGU : 10वें दीक्षांत समारोह में पहुंचीं राष्ट्रपति, विद्यार्थियों को सफलता के लिए दी बधाई...

बिलासपुर- केंद्रीय गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंची। कार्यक्रम स्थल पर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया गया। वहीं राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने भाषण की शुरूआत देवियों और सज्जनों के साथ जय जोहर और नमस्कार किया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और सीएम भूपेश बघेल मौजूद रहे।
डिटेल में जानें राष्ट्रपति मुर्मू ने क्या कहा...
1) उपाधियां मिलने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी है। उनके माता-पिता को भी शुभकामनाएं दी। विद्यार्थियों की सफलता में योगदान देने के लिए प्राध्यापकों और विश्वविद्यालय की टीम के सदस्यों की सराहना करने की बात कही...
2) मुझे यह देखकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि, स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले 76 प्रतिशत विद्यार्थियों में छात्रों की संख्या 45 है। जो लगभग 60% है। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों में भी छात्राओं की संख्या लगभग 47% है।
3) छात्राओं के बेहतर प्रदर्शन के पीछे उनकी अपनी प्रतिभा लगन के साथ-साथ उनके परिवार जनों और विश्वविद्यालय की टीम का योगदान भी है। मैं सभी सफलता पाने के लिए उनको बहुत-बहुत बधाई देती हूँ।
4) हमारे देश की कुल आबादी में महिलाओं की संख्या लगभग आधी है। मुझे बताया गया है कि, इस विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की भागीदारी के साथ समाज सेवा के कार्य भी किए जाते हैं। मैं आशा करती हूं कि, ऐसे कार्यों के अच्छे परिणाम सामने आए।
5) शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण में अधिक योगदान होना चाहिए। हमारे देश के कुल आबादी में महिलाओं की आबादी आधी है। विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों की भागीदारी के साथ समाज सेवा के कार्य भी किये जा रहे हैं। ये अच्छी बात है।
6) विश्वविद्यालय के आसपास के क्षेत्र में आदिवासी समुदाय काफी है। राज्य की एक तिहाई आबादी जनजातीय है। जनजातीय समुदाय के प्रति संवेदनशीलता और महिलाओं की भागीदारी जैसे विषय बहुत महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय में अच्छा कार्य किया जा रहा है।
7) जो देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अपनाने में आगे रहेंगे, वे ज्यादा तरक्की करेंगे। इस विश्वविद्यालय में आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही है। मैं आशा करती हूँ कि, अनुसंधान के माध्यम से अपनी पहचान विश्वविद्यालय दुनिया में स्थापित करें।
8) भारत ने अपना चंद्रयान 3 चांद में भेजा है। बरसों का सपना पूरा हो गया है। मार्ग में आने वाली रूकावटों की परवाह न करते हुए हम सब बढ़ते रहे। यही जीवन में भी होता है। तात्कालिक असफलताओं से हताश नहीं होना चाहिए। आज भारत अपने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के प्रतिभा के बल पर स्पेस क्लब और न्यूक्लियर के क्षेत्र में प्रमुख स्थान बना चुका है। हमने कम लागत में यह कार्य किया है। जिसे दुनिया में सराहा गया।
9) कभी कभी इन क्षेत्रों में भारत को दुनिया में असहयोग का सामना करना पड़ा, लेकिन भारत पीछे नहीं हटा और अपना लक्ष्य प्राप्त किया।
10) चुनौतियां हमारे जीवन में आती हैं, लेकिन यह नये मौके भी लाती है। हमारे देश की परंपराओं को बचाये रखने में कड़ी मेहनत की है। इस विश्वविद्यालय का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यहां गुरु घासीदास जी का नाम है। उन्होंने एक समान का संदेश दिया।
11) गुरु घासीदास ने सबकी समानता पर काम किया। समानता के आदर्शों पर चलकर युवा सुख के रास्ते पर चल सकते हैं और श्रेष्ठ समाज का निर्माण कर सकते हैं।
12) रायपुर का हवाई अड्डा स्वामी विवेकानंद के नाम पर है। वे स्वाध्याय, खेलकूद को भी महत्व देते थे। स्वामी जी आत्मविश्वास की मूर्ति थे। स्वामी जी ने शिकागों में भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता का विश्वघोष किया था। उस समय भारत में गुलामी की मानसिकता अपने चरम पर थी।
13) विश्व समुदाय के अग्रणी राष्ट्र में भारत की गणना होती है। स्वामी विवेकानंद के अद्भुत उदाहरण से प्रेरणा लेकर हमे युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाना है। हमारा देश अमृत काल में है। युवा संविधान में उल्लेखित मूल कर्तव्यों का पालन करेंगे तो समग्र विकास को जरूर गति मिलेगी।
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