नाग पंचमी : नाग देवता और भोलेनाथ की पूजा-रुद्राभिषेक करने से खत्म होता है कालसर्प दोष

नाग पंचमी : नाग देवता और भोलेनाथ की पूजा-रुद्राभिषेक करने से खत्म होता है कालसर्प दोष
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नाग पंचमी के त्योहार पर नाग देवता के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा और रुद्राभिषेक करने से जीवन में कालसर्प दोष खत्म होता है। इस दिन नागों को अभिषेक कराने और उन्हें दूध चढ़ाने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

कोरबा। भारत त्यौहारों का देश है। धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होने के कारण यहां हर जाति के लोग निवास करते हैं, जिनके त्यौहार भी अलग-अलग है। यहां साल भर कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है। नागपंचमी का भी देश में विशेष महत्व है। यहां सांप को आस्था से जोड़कर देखा जाता है। सांप भगवान शिव के गले का आभूषण है, लिहाजा सावन मास के पंचमी के मौके पर नाग पंचमी के रूप में नाग देवता की पूजा की जाती है। इस पर्व को हिंदू धर्म में खास महत्व है। परिवार की सुख समृद्धि के साथ ही बेहतर फसल के लिए नाग देवता की पूजा पाठ की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार नाग पंचमी सावन महीने में शुक्ल पंचमी को मनाई जाती है। इस साल 2 अगस्त को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन शिवभक्त नाग देवता की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिरों में नाग देवता का जलाभिषेक किया जाता है और उन्हें दूध चढ़ाया जाता है। इस दिन शिवभक्त उपवास भी रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं।

दूध नहीं पीता सांप

कहा जा है कि नाग पंचमी के त्योहार पर नाग देवता के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा और रुद्राभिषेक करने से जीवन में कालसर्प दोष खत्म होता है। इस दिन नागों को अभिषेक कराने और उन्हें दूध चढ़ाने से पुण्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, नाग पंचमी पर अगर घर के बाहर सांप का चित्र बनाया जाता है तो इससे नाग देवता की कृपा परिवार पर बनी रहती है। सांपों को लेकर हमारे देश में एक भ्रांति भी है। कहा जाता है कि सांप दूध पीते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। जानकारों की मानें तो सांप पूरी तरह से मांसाहारी है और दूध का सेवन करने से उनकी मौत भी हो जाती है। हालांकि अपने स्वार्थ के लिए सपेरे व्यवसायिक रूप से सांपों का प्रदर्शन कर लोगों से पैसों की मांग करते हैं।

सांप निकलने की घटनाएं बढ़ गईं

वहीं मानसून के सक्रीय होने के साथ ही कोरबा के शहरी क्षेत्रों के अलावा उपनगरीय क्षेत्रों में भी बहुतायत में सांप मिल रहे हैं। जगह-जगह रोजाना कई प्रजाति के सांपों के मिलने की सूचना मिलती है। इसका सफल रेस्क्यू भी किया जाता है। सांपों का रेस्क्यू करने वाले सर्पमित्र बताते हैं कि उन्हें रोजाना 50 से 60 की संख्या में फोन आते हैं और उनको सांप का रेस्क्यू करने को कहा जाता है। नाग पंचमी के मौके पर सर्पमित्रों ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अगर कहीं भी सांप को देखें तो उसकी सूचना सर्पमित्रों को जरुर दे, ताकी सांप और मानव दोनों की जान बचाई जा सके। देखिए वीडियो-





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