साय के जाने पर बोले ननकी - भाजपा अब इतनी बड़ी पार्टी है... किसी एक के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता

साय के जाने पर बोले ननकी - भाजपा अब इतनी बड़ी पार्टी है... किसी एक के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता
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श्री साय के इस्तीफे और कांग्रेस में शामिल होने पर विधायक ननकी ने कहा है कि, घटनाक्रम के पीछे का कारण पता नहीं है। किसी के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता...पढ़े पूरी खबर

रायपुर। संगठन में अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देने वाले भाजपा नेता श्री साय कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। उनके इस्तीफे को लेकर प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और वर्तमान में रामपुर क्षेत्र के विधायक ननकीराम कंवर ने कहा है कि, घटनाक्रम के पीछे का कारण पता नहीं है। लेकिन इतना जरूर है कि भाजपा का विस्तार देश भर में हो गया है। एक व्यक्ति के जाने से पार्टी पर फर्क नहीं पड़ने वाला है। एक दिन पहले इस्तीफा देने और दूसरे दिन कांग्रेस की सदस्यता हासिल करने वाले पूर्व सांसद नंदकुमार साय सुर्खियों में है। इस मसले पर वरिष्ठ आदिवासी नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर से हमारी टीम ने बातचीत की पता चला कि, इस्तीफा का कारण वही जान सकता है जिसने दिया है। लेकिन भाजपा को इस से को फर्क नहीं पड़ने वाला है। क्योंकि उसका विस्तार देशभर में हो गया है।

पीएम मोदी ने पूरी दुनिया में भारत को पहचान दिलाई- ननकीराम

ननकीराम कंवर ने बताया कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किए जा रहे कार्यों से देश की छवि दुनिया भर में बेहतर हुई है और लोग हर एक काम को जान रहे हैं। हमारे लिए संगठन और देश का सम्मान पहले हैं बाकी चीजें बाद में है।

श्री ननकीराम कंवर का राजनीतिक जीवन...

श्री ननकीराम कंवर ने सन 1969 में जनसंघ सदस्य के रूप में राजनीति में प्रवेश किया था। जिसके बाद उन्होंने सन 1972 में अपना प्रथम विधानसभा चुनाव लड़ा जिसमें उन्हें हार मिली थी। 1977 में वे रामपुर विधानसभा से फिर से चुनाव लड़े और पहली बार विधायक बने। इसके बाद लगातार 1990,1998,2003 और 2008 में विधायक बने। 2001 और 2002 में वह सदस्य विशेषाधिकार समिति और सदन समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा में रहे। 2003-4 में वह सदस्य शासकीय आश्वासनों संबंधी समिति और आचरण समिति छतीसगढ़ विधानसभा में रहे। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ननकीराम कंवर रामपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे है। उनकी पहचान मुखर आदिवासी नेता के रूप में बनी हुई है। केंद्र सरकार के द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रमाणिकता को लेकर उन्होंने जो बात कही है उससे लगता है आदिवासी नेतृत्व की सोच बिल्कुल साफ है।

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