कोरोना के खौफ से अब तक नहीं उबरे नेचर पार्क, जू और पक्षी विहार, पर्यटकों का टोटा

कोरोना संक्रमण की लहर थमने के बाद खुले प्रमुख पर्यटक केंद्र जंगल सफारी और नेचर सफारी तथा नंदनवन पक्षी विहार में पर्यटकों का टोटा रहा। कोरोना के पूर्व ये पर्यटन स्थल पर्यटकों से गुलजार रहते थे। वहां अब गिनती के पर्यटक सैर करने पहुंच रहे हैं। अफसरों को लॉकडाउन खुलने के बाद यहां बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद थी।
गौरतलब है कि जंगल सफारी के साथ नंदनवन पक्षी विहार में सामान्य दिनों में दो से ढाई हजार पर्यटक सैर करने के लिए आते थे। वर्तमान में इन जगहों में महज 10 प्रतिशत पर्यटक सैर करने के लिए पहुंच रहे हैं। बीते वर्ष लॉकडाउन खुलने के बाद भी जंगल सफारी तथा नंदनवन पक्षी विहार खोले जाने के बाद इतनी बुरी स्थिति नहीं थी। वहां लॉकडाउन खुलने के साथ ही अच्छी तादाद में पर्यटक आने शुरू हो गए थे। इस बार पर्यटक कोरोना की खौफ की वजह से सैर पर जाने से कतरा रहे हैं।
नेचर सफारी में 30 से भी कम सैलानी
मोहरेंगा स्थित नेचर सफारी में सबसे ज्यादा बुरी स्थिति है। तीन दिनों के भीतर यहां 100 से भी कम पर्यटक सैर करने के लिए पहुंचे। मंगलवार को नेचर सफारी खुलने के बाद सैर करने महज 25 पर्यटक ही पहुंचे। इसके साथ ही बुधवार को महज 12 पर्यटकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई जबकि गुरुवार को 21 पर्यटक यहां पहुंचे।
गुरुवार को पहुंचे 21 पर्यटकों में से 14 एक ही परिवार के सदस्य थे। नेचर सफारी के प्रभारी दीपक तिवारी के मुताबिक तेज गर्मी और उमस की वजह से भी पर्यटकों की संख्या कम है। आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की बात नेचर सफारी के प्रभारी ने कही।
नेचर सफारी से बेहतर स्थिति में जंगल सफारी, पक्षी विहार
जंगल सफारी की डायरेक्टर एम. मर्सिबेला तथा नंदनवन पक्षी विहार के एसडीओ सुनील श्रीवास्तव के मुताबिक मंगलवार को सफारी तथा पक्षी विहार खुलने के बाद से औसतन ढाई सौ से तीन सौ पर्यटक सैर करने पहुंचे। अफसरों के अनुसार संख्या उम्मीद से काफी कम है। आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने का अनुमान है।
कोरोना के खौफ के कारण कम पर्यटक
कोरोना की पहली लहर से दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक थी। इस कारण से लोग सार्वजनिक जगहों में जाने से बच रहे हैं। इसका असर शहर के पर्यटक स्थलों में भी देखने को मिल रहा है। साथ ही जंगल सफारी, नंदनवन के साथ नेचर पार्क शहर से दूर है। सार्वजनिक परिवहन सेवा भी पर्याप्त उपलब्ध नहीं होने की वजह से भी इन पर्यटक स्थलों में लोगों की आवाजाही कम है। जंगल सफारी के अफसर के मुताबिक सफारी की सैर करने आने वाले ज्यादातर लोग सार्वजनिक की जगह अपने निजी वाहन से सफारी की सैर करने पहुंच रहे हैं।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS