Navratri : मां बम्लेश्वरी में 400 ग्राम सोने का छत्र, धमतरी में चांदी के आभूषण, लाखों का गुप्त दान

रायपुर/धमतरी / राजनांदगांव। नवरात्रि (Navratri)में माता के दरबार में भक्तों का मेला लगा हुआ है। ऐसे समय में माता के दरबार में सोने और चांदी की बारिश हो रही है। मां बम्लेश्वरी (Maa Bamleshwari )का दरबार सजाने के लिए जो 400 ग्राम सोने का छत्र बनाया गया है, उसमें से 200 ग्राम सोना एक भक्त ने दिया है। रायपुर के भक्त ने पांच लाख का गुप्त दान भी किया है। इसी के साथ चांदी का छत्र भी बनाया गया है। धमतरी में माता अंगार मोती मंदिर में कीमती आभूषण भी चढ़ाए गए हैं। इन आभूषणों को ट्रस्ट के सुपुर्द कर दिया गया है।
माता के दरबार में भक्तों का दान करना कोई नया नहीं है। जब भी कहीं भी मंदिर में कुछ नया करने की योजना बनती है तो उसके लिए दान देने वालों की कतार लग जाती है। मां बम्लेश्वरी को मनाने वालों की कमी नहीं है। उनके भक्तों में नेताओं की भरमार है। चाहे कांग्रेस के नेता हों या भाजपा के नेता माता के दरबार में हमेशा माथा टेकने जाते ही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी माता के दरबार से हमेशा से नाता रहा है। ये यहां पर माथा टेकने जाते हैं।
भक्त कर रहे खुलकर दान
पूरी नवरात्रि में देवी मंदिरों में दान-दक्षिणा की झड़ी लगी रही। गंगरेल स्थित माता अंगार मोती मंदिर में दो श्रद्धालुओं ने कीमती आभूषण भेंट किया है। हटकेशर निवासी गीता दीपक नेताम ने 25 तोला चांदी की पायल चढ़ाई है जिसकी बाजार में कीमत 29600 रुपए है। एक अन्य श्रद्धालु ने गुप्तदान किया है। उसने माता को 25 तोला चादी का कमरबंध भेंट किया है, जिसकी कीमत 18500 रुपए हैं। पुजारी नरेंद्र नेताम ने बताया कि इन आभूषणों को ट्रस्ट के सुपुर्द किया गया है।
सोने से सजा माता का दरबार
मां बम्लेश्वरी का दरबार सोने से सज गया है। उनका नए रूप में कायाकल्प किया गया है। इस नवरात्रि माता के श्रृंगार के लिए बनाए गए 400 ग्राम सोने के छत्र के लिए आधा सोना एक भक्त ने दान में दिया है। इसी के साथ माता के दरबार को सजाने के लिए कई भक्तों ने बड़े-बड़े गुप्त दान किए हैं। रायपुर के एक व्यापारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर पांच लाख रुपए दान दिए हैं। दर्जनभर लोगों ने भी लाखों रुपए की धनराशि दान की है। हालांकि यह सब गुप्तदान ही है।
तुर्किए और कोलंबिया से आए भक्त
नवरात्रि पर डोगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी देवी के मंदिर में तुर्की से गोजडे ओजकैन, कोलंबिया से इस्टेबन और मोहिनी पहुंचे।
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