नक्सली की जानलेवा प्रेमकहानी, छत्तीसगढ़ समेत 2 राज्यों की पुलिस ने सुलझाई

बलरामपुर-रामानुजगंज। 15 जून को सनावल पुलिस को कनहर नदी में एक महिला की तैरती हुई लाश मिली थी, जो पूरी तरह से सड़ चुकी थी। इस मामले में प्रथमदृष्टया ही हत्या का मामला प्रतीत हो रहा था। पुलिस ने इसमें मामला कायम कर विवेचना शुरू की और झारखंड से सटे हुए एरिया में जब पतासाजी शुरू की तो पता चला कि ये सोनी देवी की लाश है, जिसका ग्राम चिनिया के बबन यादव से प्रेम विवाह हुआ था। आरोपी बबन यादव नक्सल गतिविधियों में शामिल था और अभी भी उसी ग्रुप में है। मृतिका पहाड़ी कोरवा जनजाति की थी और यही बात आरोपी के परिवार वालों को पसंद नहीं थी। नक्सली बबन यादव की बहन व अन्य परिजनों को कोई भी शादी का रिश्ता नहीं आ रहा था। इसी से परेशान होकर परिवार वालों के दबाव में आरोपी ने अपनी पत्नी की हत्या की योजना बनाई। नक्सली बब्बन यादव ने एक झोलाछाप डॉक्टर से 4 माह के अपने पत्नी के गर्भ को गिराने की दवा ली, लेकिन डॉक्टर ने जिस तरह उसे खाने की बात बताई थी। आरोपी ने वैसा नहीं करके सारी दवाई एक साथ खिला दी। दवाई खाने के बाद मृतिका बेचैन होने लगी और उसका फायदा उठाकर आरोपी ने उसका गला दबाकर हत्या कर दी और घरवालों को जाकर पूरी बात बता दी। इस हत्या के बाद आरोपी के परिवार वालों ने योजनाबद्ध तरीके से रात में मृतिका की लाश को पत्थर से बांधकर कनहर नदी के खाई में फेंक दिया। पानी में लाश बहती हुई बलरामपुर जिले के सनावल थाना क्षेत्र में पहुंची और पुलिस को इसकी जानकारी लगी। पुलिस ने इस मामले में विवेचना शुरू की और धीरे-धीरे पूरी सच्चाई सबके सामने आई।आरोपी नक्सली ने अपनी गर्भवती पत्नी की हत्या करने के बाद अपने डेढ़ साल के बच्चे को बेचने की योजना बना ली थी और एक झोलाछाप डॉक्टर से उसका 50000 रुपए में सौदा भी कर लिया था और बच्चे को उसके पास ले जाकर छोड़ दिया था, लेकिन मीडिया में जैसे ही खबरें आने लगी कि बच्चे की मां की मौत हो गई है, तब डॉक्टर ने बच्चे को लेने से इंकार कर दिया। इस दौरान आरोपी ने उस बच्चे को एक घर में ले जाकर छोड़ दिया, यह कह कर कि यह अनाथ है। मामले में पुलिस ने एक-एक कर सारे घटनाक्रम से पर्दा उठा लिया और इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसमें आरोपी का दोस्त प्रेमशंकर,चचेरा भाई नीतीश यादव, सगा भाई चंदन यादव, उसका पिता मुंशी यादव और झोलाछाप डॉक्टर विनोद प्रसाद गुप्ता शामिल है। झारखंड में हुए हत्याकांड में पुलिस ने एक अज्ञात लाश को न्याय दिलाने के उद्देश्य से मामले की विवेचना शुरू की थी और धीरे-धीरे पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए ना सिर्फ उस बेकसूर के हत्यारों को गिरफ्तार किया बल्कि उन्हें सलाखों के पीछे भी भेजा।
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