कोरबा में लापरवाही, पीडीएस के लिए मिलीं नमक की बोरियां नाली में, लोगों में आक्रोश

कोरबा। भोजन को खाने योग्य और स्वादिष्ट बनाने में नमक की अपनी खास भूमिका होती है। इसलिए नमक को यूं ही नहीं फेंका जाता। छत्तीसगढ़ में मान्यता तो यहां तक है कि कई रात में नमक का लेन-देन नहीं होता। यह बात अलग है कि कोरबा के गौमाता चौराहे के पास अमृत नमक की कई बोरियां नाली में पड़ी मिली हैं। यह नमक प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जाने वाली अमृत योजना से जुड़ा हुआ है। इस मामले में किसी पीडीएस दुकान संचालक की लापरवाही सामने आई है। खाद्य विभाग का कहना है कि ऐसा आखिर किसने किया, इसे देखना पड़ेगा।
सामान्य नमक समुद्री पानी के ठहराव करने और आगे की प्रक्रिया पर काम करने के साथ तैयार होता है, जबकि कुछ नमक प्राकृतिक घटक से तैयार होते हैं। छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत लोगों को चावल, चना, शक्कर के साथ-साथ सरकार अमृत नमक भी उपलब्ध करा रही है। विशेष बात यह है कि अमृत नमक के लिए नाममात्र की राशि लोगों से ली जाती है, लेकिन नमक के उपयोग तो आखिरकार हैं। इन सबके बावजूद कई राशन दुकान संचालकों के द्वारा सरकारी नमक की कद्र नहीं की जा रही है। शायद यही कारण है कि कोरबा-चांपा मार्ग पर गौमाता चौराहे के पास नाली में इस नमक की कई बोरियां मिली। आने-जाने वाले लोगों ने इसे देखा और इस पर नाराजगी जाहिर की।
वार्ड संख्या 8 से भाजपा के पार्षद सुफलदास महंत का साफ तौर पर कहना है कि राशन दुकान संचालक की लापरवाही का नमूना है। यह काम जिसने किया है, उस पर कार्रवाई करना चाहिए। यहां बताना जरूरी होगा कि नमक का उपयोग इंसान और मवेशियों की आवश्यकताओं के लिए किया जाता है। इसके साथ ही वास्तु दोष को ख़त्म करने के लिए बहुत सारे लोग सप्ताह में 1 दिन फर्श की सफाई के लिए भी नमक की कुछ मात्रा का उपयोग करते हैं। इस नाते भी जरूरत है कि नमक की इज्जत की जाए।
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