New CM of Chhattisgarh : इतने संकोची हैं साय ,साउथ एवेन्यू में हम जाते थे तो दूसरे सांसद के यहां जाकर सो जाते थे विष्णु

New CM of Chhattisgarh  : इतने संकोची हैं साय ,साउथ एवेन्यू में हम जाते थे तो दूसरे सांसद के यहां जाकर सो जाते थे विष्णु
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री (Chief Minister)अत्यंत सरल और सहज स्वभाव के हैं। दिलीप सिंह जूदेव (Dilip Singh Judev b)उन्हें राजनीति में लाए। वे जब पहली बार विधायक बने थे तब उनकी उम्र 26 साल थी। चुनाव जीतने के बाद जब वे वहां पहुंचे तो कुमार साहब के पैर छुए उन्होंने उन्हें देखकर कुमार साहब ने कहा कि, देखो कितने सरल और सहज हैं विष्णु। यह आगे इस प्रदेश का नेतृत्व करेंगे। रणविजय सिंह कहते हैं कि वे इतने सहज हैं कि जब पहली बार सांसद बने, तब साउथ एवेन्यू में सांसद निवास में जाते थे, तो वे दूसरी जगह सोने चले जाते थे।

दिलीप सिंह जूदेव के साथ साय की यादगार तस्वीर

पत्थलगांव विधानसभा 1990 चुनाव में दिलीप सिंह जुदेव ने उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा था। वे उस समय बगिया गांव के सरपंच थे। तब से उन्होंने कुमार साहब की लाइन पर चलते हुए राजनीति में आगे बढ़े। रणविजय सिंह ने 2013 के उस घटना का स्मरण कराया जब स्व. दिलीप सिंह जूदेव ने बगीचा की एक सभा मे विष्णुदेव की ओर इशारा करते हुए कहा था कि अगला सीएम जशपुर से हो सकता है। वे उनके सहज और सरल स्वभाव के कायल थे। श्री साय के साथ उनका आशीर्वाद हमेशा रहा। 1993 में मध्यावधि चुनाव में भी विधायक बने। उसके बाद पत्थलगांव सीट से नंदकुमार साय ने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया तब वे 1998-99 में चुपचाप घर बैठ गए।

विवादों से नहीं रहा नाता

सांसद रहने के दौरान हमने उनकी सादगी और सहजता को देखा है। वे अक्सर विवादों से दूर रहते हैं। इसमें एक वाक्या यह आया कि पत्थलगांव के दर्रापारा मोहल्ले में शासन के नियमों की अनदेखी कर बनाए गए निजी स्कूल भवन के लोकार्पण करने से केंद्रीय राज्य मंत्री विष्णुदेव साय ने को साफ मना कर दिया। लोकार्पण कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय को मुख्य अतिथि एवं संसदीय सचिव शिवशंकर साय को भी आमंत्रित किया था। मुख्य अतिथि के रूप में यहां पहुंचे तब विश्राम गृह में एसडीएम ने भवन का निर्माण से पहले भूमि का डायवर्सन नहीं कराने और नगर पंचायत के विवादित प्रकरण होने की जानकारी दी। तब उन्होंने विश्रामगृह में ही निजी स्कूल प्रबंधन से कह दिया कि वे भवन निर्माण से संबंधित शासन के नियमों का पालन कर लें। इसके बाद इस भवन का लोकार्पण में वे उपस्थित होंगे।

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