कोयला घोटाला केस में नया मोड़ : कर्नाटक पुलिस ने हटाई शेड्यूल ऑफेंस की धारा, अब दावा यह कि, आरोपियों को जल्द मिल जाएगी जमानत

रायपुर। ED ने छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले की जांच कर्नाटक में दर्ज हुई एक FIR के आधार पर शुरू की है। लेकिन अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है। कर्नाटक पुलिस ने वो शेड्यूल ऑफेंस ही हटा दिया है, जिसको आधार बनाकर ED ने जांच शुरू की थी। इस वजह से गिरफ्तार हुए आरोपियों के अधिवक्ताओं का दावा है कि, अब उन सभी आरोपियों के रिहा होने की संभावना प्रबल है। उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ समय से ED की कार्रवाई लगातार जारी है। ED ने कोयला घोटाला और शराब घोटाले से जुड़े कई लोगों को हिरासत में भी लिया है।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैज़ल रिज़वी का कहना है कि, ED जिस PMLA एक्ट के तहत कार्रवाई करती है, उसके लिए किसी परिवाद या FIR का होना जरुरी है। साथ ही उस परिवाद या FIR में वो शेड्यूल ऑफेंस होना भी जरुरी है, जिस पर ED संज्ञान ले सके। वकील का दावा है कि, ED किसी भी FIR पर कार्रवाई नहीं कर सकती है। ED ने कोयला घोटाले में कर्नाटक में दर्ज हुई जिस FIR को आधार बनाया था, उस FIR में वो शेड्यूल धाराएं थी, जिसके आधार पर ED ने कार्रवाई शुरू की थी। लेकिन अब जब कर्नाटक पुलिस ने वो शेड्यूल ऑफेंस हटा दिया है तो विशेषज्ञो का मानना है की इस मामले में ED की कार्रवाई की अधिकारिता शून्य हो गई है। शेड्यूल ऑफेंस हट जाने से आरोपियों को राहत मिलनी तय है, ये राहत उन्हें हफ्ते से 10 दिनों के अंदर मिल सकती है।
ये हैं ED की गिरफ्त में
छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाला मामले में ED ने कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, सीएम की उप सचिव (निलंबित) सौम्या चौरसिया, IAS समीर बिश्नोई और कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया है।
कैसे आया नया मोड़
कर्णाटक के बेंगलुरु के काड्डूगुडी के वाइट फिल्ड थाने में दर्ज FIR में IPC सेक्शन 120 (बी) और 384 शामिल है। ये वही दो धाराएं हैं जिसके आधार पर ED ने मामले को संज्ञान में लिया था। कर्नाटक पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश करने से ये दोनों धाराएं हट गई हैं।
कोर्ट से ख़ारिज हो चुकी है जमानत याचिका
इस मामले में जमानत की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट सुनील अग्रवाल की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है, तो वहीं सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है लेकिन कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
विधि विशेषज्ञों का एक मत यह भी
वहीं इस मामले में विधि विशेषज्ञों का एक मत ये भी है कि यह मामला उतना आसान नहीं है, जितना इसे समझा जा रहा है। इसका कारण ये है कि बीते पखवाड़े ही स्पेशल कोर्ट में ED ने कोयला घोटाला और अवैध वसूली के संबंध में परिवाद कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने उसे पंजीबद्ध भी कर लिया है। इसलिए ये मामला अब पेचीदा हो गया है। यह संभावना बनती है कि आरोपियों को जमानत मिल जाए, लेकिन कई विधि विशेषज्ञ इसे मात्र संभावना मान रहे हैं।
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