New Water Meter : पानी की जितनी खपत, उतने बिल का फार्मूला होगा लागू, पहले के वाटर मीटर कबाड़

New Water Meter  :  पानी की जितनी खपत, उतने बिल का फार्मूला होगा लागू, पहले के वाटर मीटर कबाड़
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पानी की खपत जांच ने वाटर मीटर (New Water Meter )लगवाए। इसके नाम पर ठेका कंपनी ने प्रति कनेक्शन लोगों से 1500 रुपए से 2500 रुपए का शुल्क वसूला। न तो उस मीटर की कभी रीडिंग हुई, न पानी की खपत नापने नगर निगम वाले आए। पढ़िए पूरी खबर ...

रायपुर। नगर निगम (municipal corporation )ने बाहर की कंपनी को ठेका देकर शहरभर के अलग-अलग इलाकों में हजारों लोगों के घरों मेंपानी की खपत जांच ने वाटर मीटर (New Water Meter )लगवाए। इसके नाम पर ठेका कंपनी ने प्रति कनेक्शन लोगों से 1500 रुपए से 2500 रुपए का शुल्क वसूला। न तो उस मीटर की कभी रीडिंग हुई, न पानी की खपत नापने नगर निगम वाले आए। पढ़िए पूरी खबर ...अलबत्ता घरों में लगाए गए वाटर मीटर जंग लगने से खराब हो गए, तो कहीं लोगों ने अनुपयोगी समझ कर कबाड़ में बेच डाले। कुल मिलाकर वार्डों में खपाए मीटर का ना तो कोई हिसाब है, ना किताब ।

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अबकि बार नगर निगम और रायपुर स्मार्ट सिटी ( Municipal Corporation and Raipur Smart City )ने दो तरह के वाटर मीटर (Water Meter )लगवाकर पानी का हिसाब रखने का प्रोजेक्ट बनाया है और इसके लिए अभी 24 हजार मीटर खरीदे गए हैं। पहली खेप पहुंच चुकी है। दरअसल, राज्य शहरी विकास अधिकरण ने 5 साल पहले प्रदेश के 9 नगर निगमों में पानी के पुराने कनेक्शनों पर वाटर मीटर लगाने प्रोजेक्ट लाया, जिसमें रायपुर नगर निगम शामिल रहा। इसकी जरूरत इसलिए पड़ी कि शहरों में 60 करोड़ लीटर पानी सप्लाई पर 40 फीसदी पानी बर्बाद हो रहा था ।

पानी का शुल्क तय नहीं होने से प्रोजेक्ट फ्लाप

ये आंकड़ा अभिकरण की ओर से आया, अब तक नया कनेक्शन लगने परवाटर मीटर लगाने की परिपाटी रही, लेकिन पानी की तेजी से बढ़ती जरूरत को देखते हुए ये फैसला लिया गया। रायपुर नगर निगम ने 44 करोड़ का प्रोजेक्ट 25 हजार घरों में वाटर मीटर लगाने के लिए लाया। टेंडर कर ठेका एजेंसी चुनी गई। उसने शहरभर के अलग-अलग इलाके में 1500 से 2500 रुपए शुल्क लेकर लोगों के घरों में वाटर मीटर (Water Meter) लगाए, पर इसकी मानिटरिंग नहीं होने और खपत आधार पर पानी का शुल्क तय नहीं होने से प्रोजेक्ट फ्लाप रहा।

15 वार्ड के 24 हजार घरों में चिप सिस्टम वाले वाटर मीटर

रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने गंज पानी टंकी और मोतीबाग नई पानी टंकी के कमांड एरिया वाले 15 वार्ड के 24 हजार घरों में इंटर कनेक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन लाइन बिछाने और चिप सिस्टम वाले स्ट्रेटिक वाटर मीटर लगाने कोल्हापुर की एजेंसी को 130 करोड़ में ठेका दिया है। यूरोपियन कंपनी जाइम से 24 हजार स्ट्रेटिक वाटर मीटर खरीदा जा रहा है। पहली खेप के रूप में 3 हजार वाटर मीटर शहर में आ गए हैं। गंज पानी टंकी के कमांड एरिया वाले वार्डों में अक्टूबर से नए वाटर मीटर लगाने का काम शुरू होगा।

जितनी पानी खपत, उतने बिल का फार्मूला होगा लागू

प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है, मोतीबाग पानी टंकी (Moti Bagh water tank ) से कनेक्ट वार्डो में दिसंबर से वाटर मीटर लगाए जाएंगे। इस चिप लगे वाटर मीटर की रीडिंग आसान रहेगी। बाइक पर सवार होकर मीटर रीडर शहर की जिस गली में डिवाइस लेकर जाएगा, स्काडा सिस्टम में उस पूरे एरिया में लगाए वाटर मीटर की रीडिंग ट्रांसफर हो जाएगी। रीडर के नाम से पानी खपत की मात्रा भाठागांव के फिल्टर प्लांट में स्काडा की मानिटरिंग कर रहे अधिकारी मिनटों में जान जाएंगे। कुल मिलाकर चिप वाले सिस्टम में रीडर को घर-घर जाकर वाटर मीटर की रीडिंग लेनी नहीं पड़ेगी ।

अमृत मिशन में 63 हजार घरों में निःशुल्क वाटर मीटर

अमृत मिशन के तहत पानी की पाइप लाइन बिछाने, इंटर कनेक्शन करने के साथ ही मुंबई की इंडियन ह्यूम पाइप कंपनी शहरभर के 63 हजार घरों में निःशुल्क वाटर मीटर लगा रही है। इनमें से 43 हजार घरों में वाटर मीटर लगाए जा चुके हैं, बाकी के 20 हजार घरों में वाटर मीटर जल्द लगाए जाएंगे। इसमें मीटर में पानी की खपत के हिसाब से जल शुल्क लिया जाएगा। यह एक तरह मेकैनिकल वाटर मीटर रहेगा, जिसमें डिब्बा खोलकर रीडर मीटर की रीडिंग करेगा, पर अभी तक इसके लिए पानी की खपत के हिसाब से शुल्क तय नहीं हुआ है। 63 हजार घरों में निगम के गिनती के कर्मचारी किस तरह पहुंचेंगे, ये भी एक बड़ा सवाल है। रीडिंग मासिक होगी, तिमाही, छमाही या सालाना यह भी तय नहीं है।

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