इलाज के अभाव में बच्चे ने गर्भ में तोड़ा दम, अस्पतालों के चक्कर लगाती रही गर्भवती

इलाज के अभाव में बच्चे ने गर्भ में तोड़ा दम, अस्पतालों के चक्कर लगाती रही गर्भवती
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जिले में कोविड-19 संक्रमण फैलने के साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर आ गई। पढ़िए पूरी खबर-

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बताया जा रहा है कि एक महिला को समय पर सही इलाज नहीं मिलने के कारण उसके गर्भ में ही नवजात शिशु की मौत हो गई, जिले में कोविड-19 संक्रमण फैलने के साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर आ गई है लोगों को समय पर चिकित्सा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। ऐसा ही एक मामला जिला अस्पताल से आया है, जहां इलाज के अभाव में नवजात शिशु ने गर्भ में ही दम तोड़ दिया।

जानकारी के मुताबिक गर्भवती महिला को प्रसव के दौरान जिला अस्पताल ले जाया गया। जिला अस्पताल से गर्भवती महिला को बिलासपुर सिम्स रेफर कर दिया गया। इस बीच गर्भ में ही नवजात शिशु ने दम तोड़ दिया। वही बिलासपुर सिम्स के द्वारा भी केवल जांच कर इन्हें वापस गौरेला भेज दिया गया, जहां 24 घंटे तक इलाज के इंतजार में बैठे रहे लेकिन उसके बाद भी उन्हें इलाज नहीं मिल पाया।

इसके बाद महिला के परिजनों ने निजी अस्पताल की शरण ली। मरवाही उपचुनाव नजदीक होने के कारण विभाग का कोई अधिकारी किसी भी मामले में कैमरे का सामना नहीं करना चाह रहे हैं। वहीं जब इस मामले में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अमर सिंह सेद्राम से बात की गई तो उन्होंने बताया महिला को पूर्व में ही बिलासपुर रेफर कर दिया गया था रेफर करने के बाद हमारी जिम्मेदारी खत्म हो जाती है। इस मामले में पूर्व विधायक मरवाही अमित जोगी ने इस कृत्य की निंदा की है।

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