हड़ताल खत्म होते ही हड़ताल की अगली तारीख का ऐलान : सरकारी कर्मचारी 22 अगस्त से फिर रहेंगे हड़ताल पर, सरकारी आदेश की प्रतियां जलाकर की घोषणा

हड़ताल खत्म होते ही हड़ताल की अगली तारीख का ऐलान : सरकारी कर्मचारी 22 अगस्त से फिर रहेंगे हड़ताल पर, सरकारी आदेश की प्रतियां जलाकर की घोषणा
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एक तो महंगाई भत्ता और भाड़ा भत्ता नहीं दिया जा रहा है, ऊपर से कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया है। पदाधिकारियों ने इस आदेश के विरोध में एक बैठक की और सरकार के आदेश की प्रतियां जलाकर आंदोलन का ऐलान कर दिया। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 25 से 29 जुलाई तक की हड़ताल समाप्त होते ही अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने अपनी अगली रणनीति का ऐलान कर दिया है। फेडरेशन ने कहा है कि वह 22 अगस्त से एक बार फिर से आंदोलन करने जा रहा है। पिछली हड़ताल के बाद प्रशासनिक आदेश जारी हुआ, कहा गया कि कर्मचारियों की इस हड़ताल को अनुशासनहीनता माना जाएगा, हड़ताल के दिनों का वेतन नहीं मिलेगा। इस आदेश से कर्मचारी संगठन बौखला गए हैं। कर्मचारियों ने अब एक बार फिर हड़ताल करने का ऐलान कर दिया है।

अगली हड़ताल का जिक्र करते हुए तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय तिवारी, संरक्षक विजय कुमार झा ने कहा है कि, सरकार का आदेश कर्मचारियों के जले पर नमक छिड़कने की तरह है। एक तो महंगाई भत्ता और भाड़ा भत्ता नहीं दिया जा रहा है, ऊपर से कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया है। पदाधिकारियों ने इस आदेश के विरोध में एक बैठक की और सरकार के आदेश की प्रतियां जलाकर आंदोलन का ऐलान कर दिया।

फिलहाल शिक्षक पीछे हटे

25 से 29 जुलाई तक की हड़ताल में कर्मचारी संगठनों के साथ रहे शिक्षक संगठनों का 22 अगस्त से शुरू हो रहे आंदोलन को समर्थन नहीं रहेगा। 29 जुलाई को कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने के बाद भी कई शिक्षक संगठनों ने अपनी हड़ताल जारी रखी थी। शिक्षकों के संघ इसे अनिश्चितकालीन बता रहे थे। शिक्षक संगठनों के नेता संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत ने बीते 25 जुलाई से जारी अनिश्चितकालीन आंदोलन को स्थगित करने का फैसला लिया। शिक्षक संगठनों के नेमाओं के मुताबिक 22 अगस्त से होने जा रही कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का साथ देना है या नहीं इस वक्त ये तय नहीं है। हम तो अधिकारी - कर्मचारी फेडरेशन से 1 अगस्त से ही अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा करने का आग्रह कर रहे हैं, पर उनके द्वारा निर्णय नहीं लिए जाने से कर्मचारियों की मांग कमजोर हो जाएगी।

सरकारी आदेश पर मचा बवाल

प्रदेश के लगभग 80 से ज्यादा कर्मचारी संगठनों ने भत्ते की मांग पर हड़ताल की थी, मगर इस सरकारी आदेश से अब सैलरी से ही हाथ धोना पड़ेगा। सरकार की तरफ से जारी किए गए आदेश में एक नियम का जिक्र है। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1965 के तहत एक साथ हड़ताल करना, छुट्‌टी लेना ये अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत आता है। ऐसा करने पर न तो छुट्‌टी दी जाएगी न ही हड़ताल के दिनों का कोई वेतन मिलेगा। इन नियमों के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग ने कर्मचारियों पर कार्रवाई करने को कह दिया है।

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