NHM संविदा कर्मचारियों को सत्ता पक्ष के विधायकों का साथ, उम्मीदें जगी

रायपुर। पिछले 6 दिन से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर गए एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के समर्थन में लगातार सत्ता पक्ष के विधायक सामने आ रहे हैं। अब पंडरिया से विधायक ममता चंद्राकर औऱ अभनपुर से विधायक धनेन्द्र साहू ने भी हड़तालियों का समर्थन करते हुए सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखा है।
दोनों ही विधायकों ने सीएम भूपेश बघेल से हड़ताली कर्मचारियों की एक सूत्रीय नियमितीकरण की मांग को पूरा करने का आग्रह किया है। दोनों विधायकों ने सीएम भूपेश बघेल को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले 7 महीने से कोरोना काल में संविदा स्वास्थ्य कर्मी लगातार अपनी सेवाएं देते रहे हैं, इनमें से कई इस दौरान कोरोना की चपेट में आए भी और ठीक होने के बाद भी लगातार ये अपने कर्तव्य को निष्ठापूर्वक पूरा भी कर रहे हैं। कोरोना काल के समय भी इन कर्मचारियों को समकक्ष पर का वेतन और चिकित्सकीय सुविधा नहीं है।
उन्होंने जनघोषणा पत्र में कांग्रेस द्वारा संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के वादों को याद दिलाते हुए कहा कि, जनघोषणा पत्र में भी संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का उल्लेख है।
एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल को लेकर विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार के जो संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी है उनको तुरंत बुलाकर बात करनी चाहिए और बात कर उनको काम पर आने की बात करनी चाहिए। वर्तमान परिस्थितियों में लॉकडाउन लगा हुआ है संक्रमण भी बहुत ज्यादा फैल रहा है ऐसे समय पर उनको सरकार से बात कर काम पर आना चाहिए।
बृजमोहन ने कहा कि बर्खास्त करने का तरीका बिलकुल भी उचित नहीं है। अपने हित की बात सब करते हैं और मौके का फायदा भी उठाते हैं इस समय बर्खास्तगी या उन पर दबाव बनाना उचित नहीं है। सरकार को बर्बरता पूर्ण कार्रवाई बंद करनी चाहिए क्योंकि सरकार ने ही ये वादा किया था कि हम सरकार में आएंगे तो सभी संविदा कर्मचारियों को रेगुलर करेंगे।
आपको बता दें इऩ दो विधायकों के अलावा हड़तालियों के समर्थन में सत्ता पक्ष से विधायक अरुण वोरा, देवेन्द्र यादव, विनय भगत के अलावा बसपा की इंदु बंजारे, भाजपा के सौरभ सिंह ने भी सीएम को पत्र लिखकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के नियमितीकरण का आग्रह किया था।
वहीं छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ अजाक्स ने भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की मांग को जायज और न्यायसंगत ठहराया है। इऩ्होंने सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के नियमितीकरण से प्रदेश पर अधिक वित्तीय भार भी नहीं आएगा।
गौरतलब है कि एनएचएम के 13 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी नियमितीकरण की अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर 19 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। सरकार द्वारा संघ के प्रदेशाध्यक्ष समेत बड़ी संख्या में हड़तालियों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है साथ ही इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का भी निर्देश दिया गया था।
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