नंबर 1 स्वच्छ शहर का हाल : पानी टंकी के नीचे चल रहा निगम दफ्तर, इंच-इंच जमीन का लेखा-जोखा रखने वाले अपने दफ्तर के लिए तलाश नहीं पा रहे जमीन

संतोष कश्यप-अंबिकापुर। स्वच्छता के मामले में देशभर में शहर का नाम रोशन करने वाला अंबिकापुर नगर निगम खुद अपने दफ्तर के लिए तरस रहा है। 18 साल बीत गए अंबिकापुर को नगर निगम बने, लेकिन उसका अपना खुद का एक अदद आफिस तक नहीं है।
उल्लेखनीय है कि अंबिकापुर नगर निगम को बने 18 साल बीत जाने के बावजूद अपना दफ्तर नसीब नहीं हो पाया है। यह पानी टंकी में चल रहा है। तीन बार नगर निगम के लिए स्थान का चयन किया गया और 2 बार तो भूमि पूजन भी करा लिया गया, मगर एक भी जगह पर भवन नहीं बन सका।
एक तरफ तो इनके पास अपना भवन नहीं है, ऊपर से निगम क्षेत्र की सड़कें भी बदहाल हैं। पक्ष-विपक्ष राजनीति तो खूब कर रहे हैं, लेकिन समस्या का हल किसी के पास नहीं है। स्वच्छता के क्षेत्र में देश भर में अपना लोहा मनवाने वाला नगर निगम का ऑफिस भगवान भरोसे ही चल रहा है। विभाग के पास फंड तो है लेकिन वे अपने लिए स्थान का चयन ही नहीं कर पा रहे। तीन बार नगर निगम के लिए स्थान का चयन किया गया और 2 बार तो भूमि पूजन भी करा लिया गया। मगर एक भी जगह पर भवन नहीं बन सका, ऐसे में निगम का ऑफिस अब तक अस्थाई तौर पर पानी टंकी में संचालित हो रहा है।

तीन बार टल चुका काम
नगर निगम भवन के लिए प्रस्तावित स्थल अब तक तीन बार टल चुका है। दरअसल एक बार जगह कम पड़ गई, जिसके कारण भवन को सामुदायिक भवन बना दिया गया। दूसरी बार पॉलिटेक्निक कालेज ने इन्हें एनओसी नहीं दी। वहीं तीसरी जगह पर पार्क एरिया आ गया है। जबकि 5 करोड़ रुपए भवन बनाने के लिए राज्य सरकार ने कई साल पहले ही दे दिया है।
कांग्रेसियों में इच्छाशक्ती कमी : मिंज
नेता प्रतिपक्ष प्रबोध मिंज का आरोप है कि, नगर निगम में कांग्रेस की सरकार और प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी निगम पैसों और स्थान की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। इसके चलते अब तक निगम का भवन नहीं बन सका है। निगम में बैठे कांग्रेस सरकार की लापरवाही है, इनकी कमजोरी है और इनके अंदर इच्छा शक्ति की कमी है। इस कारण अब तक निगम भवन का निर्माण नहीं हो सका है।
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