कोई बाबू-पटवारी नहीं, पकड़ा गया डिप्टी कलेक्टर : बोरवेल का बिल पास करने के लिए मांगे 20 हजार... कांग्रेस नेता ने कर दी ACB से शिकायत, रंगे हाथ पकड़े गए साहब...

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से डिप्टी कलेक्टर के रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। यहां जनपद पंचायत CEO डिप्टी कलेक्टर करुण डहरिया को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने उन्हें रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा है। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। कांग्रेस नेता की शिकायत पर आज ACB रायपुर की टीम गरियाबंद जनपद पंचायत कार्यालय पहुंची। यहां डिप्टी कलेक्टर को बोरवेल का बिल पास कराने के लिए रिश्वत लेते हुए उन्होंने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
दरअसल गरियाबंद जिले के ग्राम पंचायत चिखली, मालगांव और मजरकटा में 15वें वित्त से 4 बोरवेल के खनन के लिए पहली किस्त की राशि 3 लाख रुपये निकलवाना था। इसके लिए डिप्टी कलेक्टर करुण डहरिया ने कांग्रेस नेता शफीक खान से 20 हजार रुपए की मांग की थी। शफीक खान ने आज के दिन यह रकम देने की बात कही थी। इसके बाद शफीक खान ने ACB से इस बात की शिकायत की। इसके बाद ACB ने उसे 20 हजार रुपए देकर जनपद पंचायत CEO करुण डहरिया के पास भेजा। जब शफीक ने अधिकारी को पैसा दिया, तो तुरंत एसीबी अधिकारी वहां पहुंचे और पैसे को जब्त कर करुण डहरिया को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया।
पहले भी लगे हैं भष्ट्राचार के आरोप
मिली जानकारी के अनुसार करुण डहरिया मूल रूप से कोरबा जिले के रहने वाले हैं। डिप्टी कलेक्टर करुण डहरिया ने 7 महीने पहले ही जनपद पंचायत सीईओ के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उनके खिलाफ पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। वे 2019 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। उनकी पहली पोस्टिंग जांजगीर-चांपा में SDM के रूप में हुई थी। इसके बाद उनका ट्रांसफर पामगढ़ SDM के तौर पर हुआ था। तीसरी पोस्टिंग के तौर पर वे गरियाबंद आए, जहां वे जनपद पंचायत CEO के रूप में कार्यरत हैं। इनके खिलाफ शिकायत मिलने पर आज एसीबी के 20 अधिकारी गरियाबंद पहुंचे थे। यहां इन्हें शिकायत के अनुसार 20 हजार रुपए की नगद राशि लेते हुए, रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया है।
विवादों से रहा पुराना नाता
दरअसल करुण डहरिया पहले भी विवादों में रह चुके हैं। जब वे जांजगीर-चांपा के पामगढ़ में SDM थे, तब उन्होंने छात्रों का ज्ञापन लेने से इनकार कर दिया था और उन्हें पुलिस बुलाने की धमकी दी थी। उन्होंने छात्रों पर खुद को थप्पड़ मारने आरोप लगाने की धमकी देने का भी मामला था। ये छात्र पामगढ़ के सबसे पुराने स्कूल के हिंदी माध्यम को बंद नहीं करने की मांग कर रहे थे। यहां स्वामीआत्मानंद स्कूल खोले जाने को लेकर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पामगढ़ में हिंदी मीडियम को बंद किया जा रहा था। इसे बंद न करने की मांग लेकर छात्र उसके पास पहुंचे थे।
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