'संजीवनी' के लिए बजट नहीं : 108 एंबुलेंस में आई खराबी, मैकेनिक को देने के लिए विभाग के पास 4 हजार 2 सौ रुपये नहीं हैं...कई दिनो से सेवा बंद

संजीवनी के लिए बजट नहीं : 108 एंबुलेंस में आई खराबी, मैकेनिक को देने के लिए विभाग के पास 4 हजार 2 सौ रुपये नहीं हैं...कई दिनो से सेवा बंद
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जिस मैकेनिक को इसे बनाने के लिए दिया गया उसने दो दिन पहले ही रिपेयर कर एंबुलेंस के ठीक हो जाने की सूचना विभाग को दे दी, लेकिन महज 4 हजार 2 सौ रुपये भी स्वास्थ्य विभाग के डीएम यानि मेंटेनेंस आफिसर के मुताबिक बजट नहीं है। पढ़िए पूरी खबर...

मनोज गोयल- केशकाल। संजीवनी... यह शब्द कानों में गूंजते ही बस एक ही बात जेहन में कौंधती है... जान बचाने वाली औषधि... जी हां ठीक इसी तरह सरकारी एंबुलेंस सेवा संजीवनी यानी 108 सर्विस जान बचाने के लिए ही मैदान पर उतारी गई है। प्रदेश में इस सेवा के शुरू होने के बाद हर साल छत्तीसगढ़ में हादसों में घायल या फिर इमरजेंसी में फंसी हजारों जानें इस सेवा के माध्यम से बचाई जा रही हैं। लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि छत्तीसगढ़ में एक जिला ऐसा भी है जहां इस संजीवनी के मेंटेनेंस के लिए पैसे नहीं हैं।

वह जिला है केशकाल... जहां 108 संजीवनी एम्बुलेंस ख़राब होने पर रिपेयरिंग के लिए दिया गया था। रिपेयर होने के बाद भी वाहन का काम शुरू नहीं हुआ। संजीवनी पर फ़ोन आने पर कर्मचारी वाहन खराब होने की झूठी सूचना दे रहे हैं। इससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पता चला है कि जिस मैकेनिक को इसे बनाने के लिए दिया गया उसने दो दिन पहले ही रिपेयर कर एंबुलेंस के ठीक हो जाने की सूचना विभाग को दे दी, लेकिन महज 4 हजार 2 सौ रुपये भी स्वास्थ्य विभाग के डीएम यानि मेंटेनेंस आफिसर के मुताबिक बजट नहीं है।

मेंटेनेंस आफिसर रो रहे बजट का रोना

कोंडागांव के डीएम खगेश्वर पांडेय के मुताबिक बजट नहीं होने के कारण मैकेनिक का पैसा नहीं चुकाया गया है। जिसकी वजह से एंबुलेंस खड़ी है। मतलब यह कि स्वास्थ्य विभाग के पास महज 4 हजार 2 सौ रुपये ना होने की वजह से क्षेत्र के लोग इस जान बचाने वाली सेवा से वंचित हैं। 108 एम्बुलेंस की सेवाएं बंद हैं और लोगों के फ़ोन आने पर कर्मचारी वाहन खराब होने की झूठी सूचना दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में जरुरतमंदों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

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