रायपुर में फ्लैट की डिमांड नहीं, बेचने में बोर्ड के अधिकारियों का छूटा पसीना

रायपुर। रायपुर शहर और इसके आसपास के इलाकों में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के पुराने आवासीय प्राेजेक्ट की हालत खराब है। लंबे से समय से खिलोरा, बोरियाकला, पिरदा, नरदहा, नया रायपुर सहित अन्य जगहों पर बनाए गए फ्लैट्स खाली पड़े हैं। इन्हें बेचने में बोर्ड के अधिकारियों का पसीना छूट रहा है। कोरोनाकाल में ब्याज खत्म करनेे और बेस रेट में इन खाली पड़े फ्लैट्स को निकालने नियमों में ढील दी गई। इसके बाद भी खरीदार आगे नहीं आ रहे। इसके कारण सालों से खाली पड़े फ्लैट्स अब खंडहर में तब्दील होने लगे हैं। दीवारों पर दरारें, प्लास्टर उखड़ने के साथ ही कई फ्लैट की खिड़की, दरवाजे भी टूटे पड़े हैं।
प्रयास कर रहे नहीं बिक रहे फ्लैट हाउसिंग बोर्ड के आला अधिकारी का कहना है, बोरियाकला, कचना, खिलोरा, पिरदा, नरदहा, नया रायपुर के 6 से 7 सेक्टर में सालों पहले बनाए गए फ्लैट लंबे समय से खाली पड़े हैं। इन फ्लैट को जिस लागत दर पर सालों पहले निर्माण कराया गया, उस रेट पर भी लोग लेने को राजी नहीं हो रहे। इनका बेसरेट औसतन 1800 रुपए से लेकर 2000 रुपए वर्गफीट है, जबकि वर्तमान मे उस जगह का बेसरेट 3500 से 4000 रुपए हो गया है।
फ्लैट कंसेप्ट पसंद नहीं, हाईफाई बिल्डर का फ्लैट बना लोगों की पसंद छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आवासीय प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है, रायपुर शहर में लोगों को फ्लैट कंसेप्ट पसंद नहीं आ रहा है। यहां स्वतंत्र मकान की गुंजाइश ज्यादा है। दूसरी बात हाईफाई बिल्डर के माध्यम से बनाए गए ऐसे फ्लैट को ज्यादातर लोग पसंद कर रहे हैं, जहां सिक्यूरिटी पाइंट पर ज्यादा फोकस किया गया हो। बोरियाकला में हाउसिंग बोर्ड के 3 बीएचके मकान 24 लाख की लागत होने के बाद ग्राहकों का अपेक्षित रिस्पांस नहीं मिल रहा।
रायपुर में नए प्रोजेक्ट के लिए नहीं मिली जगह
हमने रायपुर शहर में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के नए प्रोजेक्ट शुरू करने शासन से जगह मांगी, पर यहां जगह नहीं मिली। इसके अलावा मोवा, भुरकोनी, कोहका, तिल्दा, छपोरा, खरोरा, मांठ, मांठ खरोरा में आवासीय प्रोजेक्ट के लिए जमीन मांगी है।
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