आत्मानंद विद्यालय में वेतन नहीं : यहां के शिक्षक और कर्मचारियों को 3 महीने से नहीं मिला वेतन, अफसर भी नहीं सुनते पुकार

आत्मानंद विद्यालय में वेतन नहीं : यहां के शिक्षक और कर्मचारियों को 3 महीने से नहीं मिला वेतन, अफसर भी नहीं सुनते पुकार
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कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली को फोन के माध्यम सभी समस्याओं को अवगत कराते हुए तुरंत संज्ञान लेते हुए जल्द ही वेतन भुगतान कराने निवेदन किया है। पढ़िए पूरी खबर....

राहुल यादव-लोरमी। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट आत्मानंद स्कूल में शिक्षकों का हाल बेहाल है। उनको करीब 3 महीने से वेतन नहीं मिला है। जबकि इस पर वहां के जिम्मेदार अधिकारी जवाब देने से बच रहे हैं। आपको बता दें कि, छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों को स्वामी आत्मानंद स्कूल में अपग्रेड किया गया, जिसके अंतर्गत आने वाले लोरमी के डी.के.पी. स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी भाषा स्कूल लोरमी में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों को अगस्त और सितम्बर का वेतन आज 3 माह के बाद भी नहीं मिल पाया है। वेतन को लेकर कर्मचारियों ने बताया कि, वेतन आहरण माह के अंतिम दिन की जगह अगले माह के 10 तारीख तक वेतन दिया जाता है। साथ ही संविदा पर काम कर रहे अधिकारी और कर्मचारियों ने बताया की जी.पी.एफ. और जी.आई.एस. अंशदान भी विगत एक वर्ष से खाते में जमा नहीँ हो रहा है।

ऐसे-कैसे त्योहार मनाएंगे ये शिक्षक

कर्मचारियों ने बताया कि कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली को फोन के माध्यम सभी समस्याओं को अवगत कराते हुए तुरंत संज्ञान लेते हुए जल्द ही वेतन भुगतान कराने निवेदन किया है। ताकि समस्त अधिकारी-कर्मचारी अपने लंबित गृह ऋण क़िस्त, बच्चों का स्कूल फीस, दैनिक राशन व्यय, मकान किराया देते हुए दीपावली का त्योहार उत्साह पूर्वक मना सकें।

तनाव में हैं कई शिक्षक

आपको बता दें कि वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अगस्त और सितंबर का वेतन शिक्षकों को नहीं मिला है। कभी भी समय पर शिक्षकों का भुगतान नहीं होता है। इस कारण शिक्षक मानसिक तनाव व आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। फिर भी सरकार और विभाग शिक्षकों के प्रति संवेदनहीन बना हुआ है। शिक्षकों के वेतन का भुगतान यथाशीघ्र करने की मांग शिक्षकों ने की है। ताकि शिक्षक तनावमुक्त होकर पूरी तन्मयता के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकें।

DEO ने नहीं दिया जवाब

जब हमारे रिपोर्टर ने मुंगेली जिला शिक्षा अधिकारी संजय पांडे से जानकारी लेनी चाही तो वे मीडिया से दूरी बनाते नजर आए, ऐसे में अब बड़ा सवाल खड़ा होता है कि, जिम्मेदार अधिकारी ही अगर जवाब देने से बचेंगे तो जिले में शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल होगा? देखें वीडियो...


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