घर पर लिखी उत्तर पुस्तिकाओं के ही नहीं, पिछले सालों के अंक भी जुड़ेंगे

रायपुर. वार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के पूर्व पं. रविशंकर शुक्ल विवि ने मूल्यांकन को लेकर अहम अधिसूचना जारी की है। छात्रों के नतीजे पूरी तरह से घर बैठकर लिखे गए उत्तरों के आधार पर तैयार नहीं होंगे, बल्कि उसमें बीते सालों के अंकों का वेटेज भी शामिल होगा। 50 फीसदी अंकों का निर्धारण बीते सत्र के प्राप्तांक के आधार पर तथा शेष 50 फीसदी अंकों का निर्धारण घर बैठकर हल किए गए पर्चे के आधार पर होगा। दाेनों के अंक मिलाकर परिणाम तैयार होंगे। रविवि के मुताबिक शिक्षा की गुणवत्ता को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
17 जून को हुई रविवि की विद्यापरिषद की बैठक में लिए गए इस फैसले का अनुमोदन 18 जून को कार्यपरिषद की बैठक में किया गया था। सोमवार को इस संदर्भ में रविवि द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई। इसके साथ ही विवि प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि ये नियम सिर्फ वार्षिक परीक्षा 2021 तथा सेमेस्टर परीक्षा दिसंबर-जनवरी 2020-21 के लिए ही है।
सेमेस्टर में भी लागू
मूल्यांकन की यह पद्धति न केवल वार्षिक, बल्कि सेमेस्टर परीक्षाओं में भी लागू होगी। वार्षिक परीक्षा में शामिल कोई छात्र यदि अंतिम वर्ष में है तो उसके प्रथम और द्वितीय वर्ष के अंकों का औसत मिलाकर 50 फीसदी अंक तय होंगे। इसी तरह यदि कोई छात्र अंतिम सेमेस्टर में है तो उसके पिछले सभी सेमेस्टर के अंकों का औसत निकालकर 50 फीसदी अंक तय होंगे। प्रथम वर्ष, प्रथम सेमेस्टर, डिप्लोमा तथा सर्टिफिकेट कोर्स में अध्ययनरत छात्रों के अंकों की गणना ब्लैंडेड मोड में हुई परीक्षा के प्रश्नपत्र वार प्राप्तांकों के आधार पर होगी।
दूसरे नियम भी
मूल्यांकन की यह पद्धति लगभग बीते वर्ष की ही तरह है, लेकिन विवि के नियमानुसार परीक्षा संबंधित नियमों में परिवर्तन के लिए विद्यापरिषद और कार्यपरिषद की अनुमति लेना आवश्यक है। इसलिए अनुमोदन पश्चात यह अधिसूचना जारी हुई है। इसके साथ ही कुछ अन्य निर्देश भी दिए गए हैं, जैसे- घर बैठे परीक्षा दे रहे छात्रों को पुनर्मूल्यांकन तथा पुनर्गणना की पात्रता नहीं रहेगी। जिन प्रश्नपत्रों की परीक्षा आयोजित हो चुकी है, उनकी उत्तरपुस्तिकाएं जांची जाएंगी तथा अंक उसी आधार पर मिलेंगे।
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