अब बिजली के ठेका कर्मचारियों का मोर्चा, सीएम हाउस जाते पुलिस ने रोका

रायपुर: बिजली विभाग के ठेका कर्मचारियों ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी में मोर्चा खोला। बूढ़ापारा धरनास्थल से दोेपहर बाद एकजुट ठेका कर्मचारियों ने बिजली विभाग में ठेका प्रथा बंद कर विभाग में समायोजित करने आवाज बुलंद की। इन कर्मचारियों ने धरनास्थल से मुख्यमंत्री निवास निवास घेरने रैली निकाली, जिसे पुलिस-प्रशासन ने सप्रे शाला के सामने बेरिकेड्स लगाकर रोक दिया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम पर जिला प्रशासन के अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
छत्तीसगढ़ विद्युत विभाग ठेका कर्मचारी कल्याण संघ के आव्हान पर प्रदेशभर से बिजली विभाग के ठेका कर्मचारी एक दिवसीय आंदोलन करने राजधानी रायपुर में जुटे। संघ के महामंत्री जितेंद्र कुमार साहू ने बताया, पूरे प्रदेश में 25 हजार ठेेका कर्मचारी विद्युत विभाग की 3 कंपनियों पारेषण, वितरण, उत्पादन में पिछले 15 साल से ठेका कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं। इन कर्मचारियों को महज 7 से 8 हजार मेहनताना मिलता है। जबकि कलेक्टर दर पर मेहनताना मिलना चाहिए। हालत ये है, बिजली विभाग में पूरे प्रदेशभर में कार्यरत 80 फीसदी ठेका कर्मचारियों को कलेक्टर दर पर वेतन नहीं मिलता। 50 फीसदी कर्मचारियों को ईपीएफ, ईएसआईसी का लाभ नहीं मिलता। इससे ठेका कर्मचारियों में बेहद नाराजगी है।
प्रमुख मांगें ...
- बिजली विभाग में ठेका प्रथा बंद कर ठेका कर्मचारियों को विभाग में समायोजित किया जाए।
- न्यूनतम वेतनमान 18 हजार रुपए दिया जाए।
- ठेका कार्य को विभाग से अनुबंधित कर कार्य संचालन करने और विभाग से भुगतान करने की मांग।
- पंजाब व हरियाणा सरकार द्वारा ठेका कर्मचारियों को दिए जा रहे वेतन के समान बिजली विभाग के ठेका कर्मचारियों को वेतन दिया जाए।
- विभागीय भर्ती प्रक्रिया में ठेका कर्मचारियों काे अनुभव के आधार पर बोनस अंक देने की मांग।
- आकस्मिक मृत्यु बीमा 15 लाख एवं दुर्घटना बीमा दिया जाए।
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