अब दूसरे जिलों के युवा भी कोरबा, सरगुजा और बस्तर में बन सकेंगे शिक्षक : हाईकोर्ट ने 2,700 सहायक शिक्षकों की भर्ती पर लगी रोक हटाई

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में 2,700 सहायक शिक्षकों की भर्ती से रोक हट दी गई है। अब प्रदेशभर के उम्मीदवार कोरबा, सरगुजा और बस्तर में शिक्षक बन सकेंगे। इस संबंध में बिलासपुर हाईकोर्ट ने आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान की 5वीं अनुसूची के तहत राज्यपाल मूलभूत अधिकार को कम नहीं कर सकते हैं। संविधान ने सभी नागरिकों को समान रूप से रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। इस अधिकार को अनुसूची पांच के तहत कम नहीं किया जा सकता है। चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस गौतम चौरड़िया की डिवीजन बेंच ने स्थानीय को ही अवसर देने की अधिसूचना को असंवैधानिक मानते हुए निरस्त कर दिया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब प्रदेश भर के युवक भर्ती में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि सुशांत शेखर धराई एवं उमेश श्रीवास ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य शासन की ओर से जारी अधिसूचना को चुनौती दी थी।
याचिका के अनुसार छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ने 17 जनवरी 2012 को संविधान की 5वीं अनुसूची में दी गई शक्ति का प्रयोग करते हुए बस्तर व सरगुजा संभाग व कोरबा जिले के लिए तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए स्थानीय निवासियों की भर्ती का आदेश जारी किया था। यह आदेश पहले दो साल के लिए जारी किया गया था, जिसे बाद में अलग-अलग समय में बढ़ाया गया। इसे अब साल 2023 तक लागू किया गया है। बस्तर व सरगुजा के साथ ही कोरबा जिले के लिए भी यही नियम लागू है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि संविधान की अनुच्छेद 16 के तहत राज्य के किसी भी नागरिक को धर्म, जाति, जन्म स्थान निवास, लिंग के आधार पर नौकरी में विभेद नहीं किया जा सकता। प्रत्येक नागरिक को राज्य में नियुक्ति प्रक्रिया में भाग लेने का समान अधिकार है। अगर निवास के आधार पर विशेष परिस्थिति में आरक्षण लागू करना है तो यह अधिकार सिर्फ संसद को है। योग्यता को दरकिनार कर निवास के आधार पर किसी व्यक्ति को विभाजित नहीं किया जा सकता।
राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों के साथ ही कोरबा जिला, सरगुजा व बस्तर संभाग में 19 मार्च 2019 को सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसमें पूरे राज्य के अभ्यर्थियों ने भाग लिया, लेकिन दूसरे जिलों के आवेदकों को भर्ती का मौका नहीं दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने इन जिलों में भर्ती में शामिल होने की अनुमति देने की मांग को लेकर याचिका लगाई थी। प्रारंभिक सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने 5वीं अनुसूची में शामिल जिलों में सहायक शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगा दी थी। इसे चुनौती देते हुए अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एके गोस्वामी व जस्टिस गौतम चौरड़िया की डिवीजन बेंच में हुई। प्रकरण की सुनवाई के बाद राज्यपाल की ओर से जारी अधिसूचना को खारिज करने के साथ ही नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक को भी हटा दिया है।
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