हे भगवान ! चौक महाराणा प्रताप के नाम पर और मूर्ति होगी किसी और महाशय की...

हे भगवान ! चौक महाराणा प्रताप के नाम पर और मूर्ति होगी किसी और महाशय की...
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नेता प्रतिपक्ष ने खड़े किए सवाल - कहा, कांग्रेस अपने बड़े नेताओं को खुश करने महापुरुषों का अपमान कर रही है और अपने नेता के पिता के नाम पर नामकरण किया जा रहा है। हम महाराणा प्रताप चौक जाकर विरोध दर्ज करेंगे। पढ़िए पूरी खबर...।

रविकांत सिंह राजपूत - मनेन्द्रगढ़। नवगठित जिला मनेंद्रगढ़ नगरपालिका में इन दिनों महाराणा प्रताप चौक में छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष के पिता स्वर्गीय बिसाहू दास महंत की प्रतिमा लगाने को लेकर विरोध के स्वर गूंजने लगे हैं। शहरवासियों में चर्चा है कि कांग्रेस पार्टी के नेता अपने बड़े नेताओं को खुश करने महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं, जिसका हम स्वयं महाराणा प्रताप चौक जाकर विरोध दर्ज करेंगे।

नवीन जिले एमसीबी के मनेंद्रगढ़ नगरपालिका अंतर्गत आने वाले महाराणा प्रताप चौक का नाम बिसाहूदास महंत किए जाने को लेकर नगरपालिका में प्रस्ताव पारित हुआ है। बताया जा रहा है कि जिस चौक को लोग वर्षों से महाराणा प्रताप चौक के नाम से जाना करते थे, उसे बिसाहूदास महंत चौक नया नामकरण किया जा रहा है। महाराणा प्रताप चौक का नाम किन वजहों से बदला जा रहा है, उनमें से जो मुख्य वजह सामने आ रही है, वह यह कि स्व. बिसाहूदास महंत विधानसभा अध्यक्ष के पिता हैं और क्षेत्रीय सांसद के ससुर और केवल उन्हीं को प्रसन्न करने की कवायद में चौक का नाम परिवर्तित किया जा रहा है। ऐसा करके उनके सबसे खास समर्थंकों में अपना नाम जोड़ने की यह कवायद भी मानी जा रही है। वैसे भी भले ही प्रसन्न कर किसी को अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने का यह एक राजनीतिक प्रयास है।

महाराणा प्रताप को महान माना जाए या बिसाहूदास महंत को ...

सवाल यह भी उठता है कि महाराणा प्रताप को महान माना जाए या बिसाहूदास महंत को। दोनों का सार्वजनिक जीवन था और दोनों ही समाज के लिए कुछ न कुछ किये थे, लेकिन महाराणा प्रताप मुगल आतताइयों से लड़कर देश की रक्षा में अपना जीवन बलिदान किये थे, वहीं बिसाहूदास महंत राजनीतिक रूप से समाज की सेवा में रत थे। पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष मनेंद्रगढ़ नगरपालिका ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा अपने बड़े नेताओं को खुश करने के लिए महापुरुषों का अपमान किया जा रहा है और मुगल शासकों से लड़कर देश पर मुगल शासन का विरोध करने वाले वीर महापुरुषों के नाम पर बने चौक का नाम अपने नेता के पिता के नाम पर किया जा रहा है, जिसका हम विरोध करेंगे और स्वयं महाराणा प्रताप चौक जाकर विरोध दर्ज करेंगे।

चौक का नाम कुछ और होगा और वहां मूर्ति किसी और की होगी

यह कैसे सही कहा जा सकता है कि चौक का नाम कुछ और होगा और वहां मूर्ति किसी और की होगी। अभी तक हमने जो भी देखा है कि जिसके नाम का चौक है, उसी के नाम की मूर्ति होती है। इस बार एक अलग ही मामला सामने आ रहा है, जिसमें चौक तो रहेगा महाराणा प्रताप के नाम पर मूर्ति होगी बिसाहू दास महंत की, इसे लेकर मनन करने चर्चा का बाजार गर्म है और बड़ी तेजी से इस समय हर चौक-चौराहों, पान ठेला पर यही चर्चा हो रही है कि आखिर यह कैसे होगा? ऐसा होना भी नहीं चाहिए, आखिर विधायक ने नया ही क्या प्रस्ताव दे दिया कि चौक का नाम कुछ और मूर्ति कुछ और होगी। विधायक की घोषणा ही चौक को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा करने वाली है। अब पैसा विधायक मद का है, चाहे वह मूर्ति किसी की भी लगा दे, क्या ऐसा संभव है? नगरपालिका अध्यक्ष ने अपने बयान में बताया है कि विधायक मनेंद्रगढ़ का प्रस्ताव था और उन्होंने ही अपनी निधि से 5 लाख देने की घोषणा की है और उसी का परिपालन किया जा रहा है, जिसमे चौक का नाम वही होगा जो है, लेकिन मूर्ति अलग स्थापित होगी यह प्रस्ताव लाया गया है।

बगैर मूर्ति का है महाराणा चौक

वैसे मामले में जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि चौक में महाराणा प्रताप की मूर्ति नहीं है, केवल चौक का नाम महाराणा प्रताप चौक है और नगरपालिका इसी प्रयास में है कि मूर्ति स्थापित कर नाम भी परिवर्तित कर दिया जाएगा और ऐसे में विरोध भी दर्ज नहीं हो सकेगा। अब हकीकत जो हो मामले में अपने बड़े नेता को खुश करने पूरा प्रयास जारी है और देखना है कि राष्ट्रीय स्तर पर मान्य महापुरुष महाराणा प्रताप नगरपालिका के लिए महापुरुष हैं या उनके ही नेता के पिता। देखिए वीडियो ...


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