बिस्तर से उठने की हालत नहीं, फिर भी पेंशन देने वृद्धा को बुलाया बैंक

बिस्तर से उठने की हालत नहीं, फिर भी पेंशन देने वृद्धा को बुलाया बैंक
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हाउसिंग बोर्ड से रिटायर्ड बुजुर्ग महिला को पैरालिसिस अटैक और शरीर में गंभीर समस्या होने के बाद भी उसे पेंशन के लिए बैंक के चक्कर काटने मजबूर होने की घटना सामने आई है। गंभीर हालत में घर से बाहर निकलने के बाद दो घंटे कड़ी मशक्कत करने के बाद ही अफसरों ने पेंशन देने निर्णय लिया है। पैरालिसिस अटैक और दूसरी कई तरह की समस्याओं से जूझ रही वृद्धा सुभा बाई साहू को बैंक प्रबंधन के दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है।

हाउसिंग बोर्ड से रिटायर्ड बुजुर्ग महिला को पैरालिसिस अटैक और शरीर में गंभीर समस्या होने के बाद भी उसे पेंशन के लिए बैंक के चक्कर काटने मजबूर होने की घटना सामने आई है। गंभीर हालत में घर से बाहर निकलने के बाद दो घंटे कड़ी मशक्कत करने के बाद ही अफसरों ने पेंशन देने निर्णय लिया है। पैरालिसिस अटैक और दूसरी कई तरह की समस्याओं से जूझ रही वृद्धा सुभा बाई साहू को बैंक प्रबंधन के दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है।

गुरुवार को सामने आए इस मामले में पता चला कि सुभा साहू को उनके परिजन बीमार हालत में तेलीबांधा वीआईपी रोड स्थित इंडियन बैंक की शाखा में लेकर पहुंचे थे। वृद्धा के मुंह से आवाज नहीं निकल पाने के बावजूद अफसरों ने ऑटो में रहकर मजबूर होने परेशान किया।

बुजुर्ग के परिजनों का कहना है कि लॉकडाउन की स्थिति में पेंशन मिल रही थी लेकिन विगत तीन महीनों से बुजुर्ग की अचानक से तबीयत बिगड़ जाने के बाद घरवाले पेंशन लेने पहुंचे। पेंशन देना तो दूर, बैंक प्रबंधन ने हितग्राही का नाम तक पहचानने से मना कर दिया। हालांकि यह खबरें प्रकाशित होने के बाद बैंक प्रबंधन ने बुजुर्ग को बची हुई राशि लौटाने फैसला किया।

मसला 8400 रुपए का

वृद्धा की पेंशन का मसला सिर्फ 8400 रुपए का है। उनके नाती ने बताया है कि हर महीने पेंशन ठीक से मिल रही थी लेकिन जब लॉकडाउन लगा तब गंभीर बीमारी होने की वजह से नानी का ऑपरेशन कराना पड़ा। ऑपरेशन के बाद से बहुत तकलीफें बढ़ गई थीं। उनके बैंक आकर हस्ताक्षर नहीं कर पाने की वजह से बैंक ने पेंशन राशि रोक दी। वृद्धा सुभा हाउसिंग बोर्ड की रिटायर्ड कर्मचारी हैं।

चाहें तो डिजिटल भुगतान

बैंकों में जिस तरह से पेंशन देने की व्यवस्था है समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बैंकों से सीधे पेंशन जारी की जा रही है। गंभीर हालत में बैंक प्रबंधन डिजिटल माध्यम से राशि का भुगतान कर सकता है। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भूपेंद्र पांडे के मुताबिक कई बार केस न बिगड़ जाए इसलिए तसदीक के लिए बैंक प्रबंधन प्रक्रिया पूरी करते हैं।

धोखा होने पर सख्ती भी

कई बार देखा यह भी गया है कि बुजुर्गों की बीमारी का हवाला देकर परिवार से जुड़े लोग झांसा देकर धोखाधड़ी करते हैं इसलिए बैंक प्रबंधन ने सख्त नियम लागू किए हैं। आरबीआई की तरफ से भी सख्त गाइडलाइन है। पेंशन के नाम पर धोखाधड़ी के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं।


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