Road accident : मंगलवार को अमंगल, खूनी रफ्तार ट्रक ने पिता और दो बच्चियों को रौंदा, आक्रोशित शहरवासियों ने दुकानें बंद कर घंटों सड़क जाम रखा

श्यामकिशोर शर्मा-नवापारा-राजिम। अमावस्या का दिन मंगलवार नवापारा शहर के लिए अमंगल साबित हुआ। सुबह 7:30-8:00 बजे के बीच अपनी दो मासूम बच्चियों को बाइक पर बिठाकर स्कूल छोड़ने जा रहे पिता को खूनी रफ्तार ट्रक अपनी चपेट में लेकर रौंदते हुए निकल भागा। बाइक सवार तीनो की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। फिर तो पूरे शहर में आक्रोश का वातावरण पैदा हो गया। शहर बंद हो गया और चक्का जाम भी हुआ।
मिली जानकारी के के मुताबिक यह हृदय विदारक घटना नवापारा-कुरूद मार्ग पर नगर पालिका चौक से पचास कदम दूर घटी। घटना की खबर से लोगों की भीड़ घटनास्थल और बस स्टेण्ड में जमा होने लगी। देखते ही देखते दुकानें बंद हो गईं और चक्का जाम हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ट्रक क्रमांक यूपी-67 ई-9395 घटना को अंजाम देकर मौके से फरार हो गया। इसका ड्राइवर ट्रक को आगे एक किमी. दूर जाकर रोका और कूदकर भाग गया। बाद में पुलिस ने इस ट्रक को जप्त कर ड्राइवर के खिलाफ धारा 279, 304 ए कायम कर ड्राइवर और मालिक की पतासाजी करने में लग गई है।
बताया गया है कि गोड़पारा के रहने वाले शिवनाथ यादव 35 वर्ष अपनी दोनो बच्चियों वंशिका 5 वर्ष और हिया को लेकर स्कूल जाने के लिए बाइक से निकला। इसके बाइक को तेज रफ्तार ट्रक ने अपनी चपेट में ले लिया और तीनो की जान मौके पर ही चली गई। इधर शिवनाथ की पत्नी दोनो बच्चों की मां प्रेमिन और परिजनो का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उन्हें क्या मालूम कि उनके पति और दोनो बच्चे स्कूल जाने के लिए निकले है वे अब कभी लौटकर वापस नहीं आएंगे।
पहले भी हुए हैं कई दर्दनाक हादसे
बता दें कि नवापारा शहर के भीतर से मालवाहक वाहन, रेत भरे हाइवा पूरे 24 घंटे खूनी रफ्तार से दौड़ती हैं। शहर के बीच से होकर गुजरते वक्त भी ये अपना रफतार कम नही करते। रफतार से दौड़ाने वाले ड्राइवरो के ऊपर आखिर नियंत्रण कौन करेगा? इसके पहले भी हाइवा और ट्रकों से शहर के भीतर मौतें हो चुकी हैं। कुछ महीने पहले हरिहर हाई स्कूल के सामने सोमवारी बाजार के एक युवक की जान हाइवा ने ले ली थी। कुछ वर्ष पूर्व छल्लानी पेट्रोल पंप के सामने एक बच्ची की जान हाइवा से चली गई। चंपारण चौक और मैडम चौक में भी अलग-अलग दुर्घटनाओं में दो महिलाओं की मौत कुछ साल पहले हुई थी। इस तरह से कइयो घटनाएं शहर के बीच हो चुकी हैं। दरअसल पुलिस थाना शहर से एक किमी दूर है, इसलिए खूनी रफ्तार से दौड़ाने वाले ड्राइवर निरंकुश हो जाते हैं। शहर के भीतर जगह-जगह ट्रक, हाइवा और दीगर वाहन सड़कों पर खड़ी कर दी जाती हैं। इससे दुपहिया सवारों को साइड लेते भी नहीं बनता और वे दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
शहरवासियों के आक्रोश के आगे बेबस दिखी पुलिस
इस दुर्घटना की खबर पूरे शहर में जंगल में आग की तरह फैल गई। देखते ही देखते मिनटों में बेतहाशा भीड़ स्पाट पर जमा हो गई। इसके साथ ही भीड़ में आक्रोश का वातावरण व्याप्त हो गया। यह स्वाभाविक भी था। चूंकि तीन लोगों की मौत हो गई थी। सूचना पाकर थाना से पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे मगर आक्रोशित भीड़ के सामने वे असहाय नजर आए। भीड़ द्वारा मांग की जाने लगी कि इस दुर्घटना को अंजाम देने वाले ड्राइवर और ट्रक को मौके पर लाया जाए तभी यहां से लाश उठेगी। इसके साथ ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय चौक बस स्टेण्ड में भी भीड़ पहुंचने लगी और चक्का जाम हो गया। शहर की दुकाने अपने आप स्वस्फूर्त बंद हो गई। घटनास्थल में एसडीएम जगन्नाथ वर्मा, सीएसपी जितेन्द्र चंद्राकर, नायब तहसीलदार वसुबंधु दीवान, नवापारा थाना प्रभारी आशीष सिंह राजपूत पहुंचे। खबर पाकर पूर्व विधायक धनेंद्र साहू, पालिकाध्यक्ष धनराज मध्यानी सहित काफी लोग जमा हो गए। सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर ढाई बजे तक अधिकारी, भीड़ को समझाने का प्रयास करते रहे। अंत में लिखित आश्वासन के बाद ही चक्का जाम समाप्त हुआ और तीनो लाश को पीएम के लिए रवाना किया गया।
लिखित आश्वासन पर शांत हुए शहरवासी
पीएम के बाद देर शाम स्थानीय मुक्तिधाम में दोनो बच्चियों वंशिका 5 वर्ष, हिया 2 वर्ष और उनके पिता शिवनाथ यादव 35 वर्ष का अंतिम संस्कार परिवार एवं समाज के लोगों ने किया। जिसमें मुहल्ले एवं शहरवासी बड़ी संख्या में शामिल हुए। एसडीएम जगन्नाथ वर्मा ने लिखित आश्वासन में कहा है कि मृतकों के परिजन को 30 लाख रूपए एवं मृतक की पत्नी प्रेमिन यादव को शासकीय नौकरी दिए जाने की मांग को तीन दिनो के भीतर शासन को भेजकर परिजनो को अवगत कराया जाएगा। इस लिखित आश्वासन के बाद ही भीड़ का गुस्सा कम हुआ। दुर्घटना को अंजाम देने वाला ट्रक का नंबर युपी-67 ई-9395 है। ड्राइवर और मालिक का नाम, पता मालूम नही हो सका है। पुलिस इस नंबर के आधार पर मालिक और ड्राइवर के खोजबीन में लग गई है। ट्रक नवापारा थाने में खड़ा किया गया है।
शहर के भीतर ट्रकों के प्रवेश पर रोक की उठी मांग
इस दुर्घटना पर श्री सालासर समिति के संस्थापक राजू काबरा ने कहा कि दर्दनाक घटना में यादव परिवार के 3 लोगो की मौत से पूरा नगर आक्रोशित हो गया। उस परिवार में 4 सदस्य थे जिसमें बहुत ही छोटे 2 बच्चे एवं पिता की मौत के बाद अकेली पत्नी बेसहारा हो गई। अब वह कैसे अपना जीवन यापन करेगी। इसलिए शासन को इस महिला को समुचित आर्थिक सहायता देनी चाहिए। काबरा ने कहा कि शासन-प्रशासन और कितने मौतों का इंतजार करेगा? क्यो दिन में हाइवा, रेत, मुरम भरे ट्रक दिन में बेहिसाब स्पीड में दौड़ रही गाड़िया निर्दोष लोगों की जान ले रही है।
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