85 फीसदी ने भरी फीस, लेकिन डेढ़ लाख पालकों ने नहीं दिया एक रूपया भी, सरकार से मांगेंगे पैसे

निजी स्कूलों ने उन पालकों की सूची तैयार कर ली है, जिन्होंने फीस अब तक नहीं भरी है। प्रदेश में ऐसे पालकों की संख्या डेढ़ लाख है। इनमें से 50 हजार पालक ऐसे हैं, जिन्होंने बीते सत्र भी फीस जमा नहीं की है। प्रदेश में निजी स्कूलों में 10 लाख छात्र अध्ययनरत हैं। इनमें से 85 फीसदी पालकों ने अपनेे बच्चों की फीस जमा कर दी है, लेकिन शेष 15 फीसदी पालकों ने फीस की एक भी किस्त स्कूलों में जमा नहीं की है। निजी स्कूल संगठन ने फैसला किया है कि अब वे इन पालकों की सूची सरकार को सौपेंगे। शासन से फीस की यह राशि मांगी जाएगी।
इनमें सर्वाधिक पालक रायपुर जिले से हैं। रायपुर जिले के 20 हजार पालकों ने पैसे नहीं दिए हैं। दूसरे स्थान पर दुर्ग है। यहां के 18 हजार पालकों ने फीस नहीं भरी है। बिलासपुर में 10 हजार छात्रों की फीस बकाया है। इन जिलों को छोड़कर अन्य जिलों में 5 से 10 हजार तक छात्रों की फीस शेष है। नारायणपुर, सुकमा, बस्तर जैसे जिले जहां प्राइवेट स्कूल कम संख्या में हैं, वहां 1 से 2 हजार बच्चों की ही फीस निजी स्कूलों को नहीं मिली है।
परीक्षा से नहीं करेंगे वंचित
जिन पालकों ने फीस नहीं दी है, उनके बच्चों को किसी भी तरह की शैक्षणिक गतिविधियों से वंचित नहीं किया जाएगा। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है कि सभी छात्रों को परीक्षा में शामिल किया जाएगा। संगठन से जुड़े सभी निजी स्कूलों को सूचित कर दिया गया है कि किसी भी स्थिति में वे विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित ना करें। इसके अलावा फीस नहीं देने वाले पालकों की सूची भी सार्वजनिक नहीं करने का फैसला लिया गया है।
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