पेंशन योजना के 1 करोड़ रुपए कट गए, किस निकाय ने भेजे पता नहीं, प्रदेशभर में खलबली

छत्तीसगढ़ में अब बंद हो चुकी नवीन अंशदायी पेंशन योजना के तहत नगरीय निकायों के अधीन स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों के 1 करोड़ रुपए निकायों ने काट कर संचालनालय के खाते में जमा करा दिए हैं, लेकिन यह राशि किस निकाय ने भेजी है, यही जानकारी नहीं है। इसकी वजह से यह राशि एनएसडीएल में जमा नहीं की जा सकी है। इस पूरे मामले को संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास ने अत्यंत गंभीरता से लिया है। अब निकायों से कहा गया है कि यह जानकारी दस दिनों में भेजी जाए। ऐसा न होने पर संबंधित निकायों के आयुक्त व सीएमओ का वेतन रोकने और कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
नगरीय प्रशासन ने जारी किया आदेश
इस मामले को लेकर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संचालक ने प्रदेश के सभी निगम आयुक्त, सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिक परिषद और नगर पंचायत को आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 1 नवंबर 2004 के बाद से नियुक्त सभी अंशदायी पेंशन कर्मचारियों को सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) में शामिल करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। ऐसी स्थिति में जानकारी के अभाव में इन शिक्षकों की काटी गई राशि एनएसडीएल से मंगाया जाना संभव नहीं होगा।
बैंक स्टेटमेंट में नहीं है निकायों की जानकारी
नवीन अंशदायीक पेंशन योजना (शिक्षक) की अंशदान की कटौती की राशि संचालनालय के खाते में जमा कराई गई है, लेकिन बैंक स्टेटमेंट में यह जानकारी नहीं दी गई है कि यह राशि किस निकाय द्वारा भेजी गई है। अधिकतर निकायों द्वारा संबंधित शिक्षकों की जानकारी और बैंक में जमा राशि की पावती संचालनालय को नहीं भेजी गई है। इसकी वजह से अंशदान की राशि एनएसडीएल में ट्रांसफर नहीं की जा सकी है।
बार-बार निर्देश दिए पर निकायों ने नहीं किया अमल
खास बात ये है कि इस पूरे मामले को लेकर नगरीय प्रशासन विभाग ने निकायों को कई बार निर्देश दिए हैं। समय-समय पर ईमेल के माध्यम से संदेश भेजकर तत्काल जानकारी देने भी कहा गया, लेकिन संचालनालय के अनुसार आज तक निकायों ने यह जानकारी नहीं दी है। इसकी वजह से राशि का समायोजन कर एनएसडीएल को नहीं भेजा जा सका है, जबकि शिक्षकों का संविलियन शिक्षा विभाग में किया जा चुका है।
अब जारी हुआ अंतिम निर्देश
इस पूरे मामले को नगरीय प्रशासन विभाग ने अत्यंत गंभीरता से लेकर हुए अब निकायों को अंतिम रूप से निर्देश जारी किया है। निकायों को 996 प्रकरणों की सूची भेजी गई है। इसके मुताबिक 21 जनवरी 2018 से वर्तमान तक जो राशि संचालनालय को भेजी जा चुकी है, उसका पूरा ब्योरा 10 दिन में अनिवार्य रूप से संचालनालय को ईमेल के माध्यम से भेजने कहा गया है। साथ ही ये भी कहा गया है कि जानकारी देने में विलंब होने तथा जानकारी के अभाव में संबंधित निकाय संबंधित अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे तथा संबंधित आयुक्त, सीएमओ का वेतन रोकने की कार्रवाई कर सीधे अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।
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