जीवन के पथ पर आगे तो बढ़ना ही है- इस सिद्धांत पर स्कूलों को 100 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने जा रही है छत्तीसगढ़ सरकार

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है। लेकिन कोरोना का संक्रमण कम हुआ है। कोरोना संक्रमण की इस समीक्षा के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी विद्यार्थियों को एक साथ स्कूल बुलाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसे सरकार को भेजा जा चुका है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 22 नवंबर को प्रस्तावित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इसका अंतिम फैसला होगा। अभी तक 50 % स्टूडेंट को बुलाया जा रहा था।
इधर स्कूलों में कोरोना का संकट अभी भी बना हुआ है। बुधवार को ही बिरगांव के एक निजी स्कूल की छात्रा कोरोना संक्रमित पाई गई है। प्रबंधन ने स्कूल बंद कर दिया है। छात्रा के संपर्क में आए परिजनों, स्कूल स्टाफ, सहपाठियों के नमूने लिए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग वहां कैंप लगाकर जांच करने वाला है। इससे पहले भी महासमुंद और बलौदा बाजार के स्कूलों में कई बच्चे संक्रमित मिल चुके हैं।
कोरोना संकट के समय से बंद स्कूल इस साल 2 अगस्त से खोल दिए गए थे। इनमें प्राइमरी कक्षाओं के अलावा 8वीं, 10वीं और 12वीं की कक्षाएं ही संचालित हुईं। करीब एक महीने बाद स्कूल की सभी कक्षाएं विद्यार्थियों के लिए खोल दी गईं। शर्त यह थी कि स्कूल खोलने से पहले पालकों और स्थानीय निकाय प्रतिनिधियों से सहमति लेनी हाेगी। कक्षाओं में एक दिन में कुल दर्ज संख्या के 50% यानी आधे बच्चों को ही बुलाया जाता है। अब स्कूल शिक्षा विभाग सभी को एक साथ बुलाने की तैयारी में है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ। प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया, कोरोना के केस कम है इसलिए पूरे 100% की उपस्थिति में स्कूल खुलेंगे इस पर विचार किया जा रहा है। 22 नवंबर को कैबिनेट की बैठक है इस बारे में चर्चा होगी। उसके बाद उस पर फैसला लिया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा, कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल खोले जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, जीवन के पथ पर आगे तो बढ़ना ही है। लेकिन सावधानी रखनी होगी। बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है। जो स्टाफ आएंगा उनका 100 % टीकाकरण तो होना चाहिए। हर स्कूल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना चाहिए।
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