आंगनबाड़ी में आज से ताला, कार्यकर्ता-सहायिका राजधानी में करेंगी धरना प्रदर्शन

रायपुर: प्रदेशभर के 46 हजार से अधिक आंगनबाड़ी और 6548 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रो में सोमवार से काम ठप रहेगा। इन केंद्रों में कार्यरत एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाएं अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी में धरना देंगी। बूढ़ापारा धरनास्थल पर 5 दिन के महापड़ाव में भाग लेने दूरस्थ जिले जशपुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया एवं सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर आदि जिलाें से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाएं बड़ी संख्या में महापड़ाव में शामिल होंगी।
प्रदेशभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं ने अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य शासन के खिलाफ मोर्चा खोेल दिया है। राज्य शासन काे चुनावी वादे की याद दिलाने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं के विभिन्न संगठनों ने एक संयुक्त मंच बनाकर शासन का ध्यान आकर्षित करने राजधानी मुख्यालय में 5 दिन का महापड़ाव करने का निर्णय लिया है।
संयुक्त मंच के प्रांतीय पदाधिकारियों ने बताया, महापड़ाव की सूचना 30 दिसंबर को शासन-प्रशासन को दे दी गई है। उसके बाद भी प्रशासन उनके हड़ताल को दबाना चाहती है। यहीं नहीं, बूढ़ातालाब स्थित धरनास्थल में महिलाओं को शांतिपूर्ण प्रदर्शन और बैठने के लिए स्वीकृति देने में आनाकानी कर रही है, पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाएं इसकी परवाह किए बिना रायपुर पहुंचकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखेंगी। संयुक्त मंच के संयोजक मण्डल की सदस्य पद्मा साहू, सरिता पाठक, रुक्मिणी गुप्ता, हेमा भारती, गजेंद्र झा ने संयुक्त रूप से प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं से अपील की है, अधिकाधिक संख्या में उपस्थित होकर महापड़ाव में शामिल हों।
प्रमुख मांगें :
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए। बालवाड़ी का काम जो शिक्षकों को दिया जा रहा है, उसे आंंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिया जाए।जाए।
- मासिक पेंशन कार्यकर्ता को 5 हजार, सहायिका को 3 हजार तथा सेवानिवृत्ति एवं मृत्यु पर कार्यरत कार्यकर्ता को 5 लाख, सहायिकाओं को 3 लाख एकमुश्त राशि दी जाए।
- मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं को समान काम समान वेतन पूर्ण आंगनबाड़ी की तरह देने की मांग।
- सुपरवाइजर के रिक्त शत-प्रतिशत पदों पर बिना उम्र बंधन परीक्षा के वरिष्ठता क्रम से लिया जाए। इसी तरह सहायिकाओं को कार्यकर्ता के शत-प्रतिशत पदों पर निशर्त लिया जाए।
- आंगनबाड़ी सहायिकाओं को कार्यकर्ता के रिक्त शत-प्रतिशत पदों पर निशर्त लिया जाए। 25 फीसदी पदों के बंधन को समाप्त करने की मांग
- जब तक मोबाइल में नेट सुविधा न हो, तब तक मोबाइल पर कोई भी कार्य न लिया जाए।
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