ऑनलाइन ठगी का मायाजाल : जालसाज पकड़ाए लेकिन रकम की रिकवरी नहीं

रायपुर। वर्तमान समय में 90 प्रतिशत से ज्यादा ठगी की घटनाएं ऑनलाइन तरीके से हो रही हैं। ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में शिक्षित से लेकर अशिक्षित वर्ग के लोग फंस रहे हैं। पुलिस ऑनलाइन ठगी के मामलों का खुलासा तो करती है, लेकिन उनसे ठगी की रकम बरामद नहीं कर पाती। इसकी वजह ऑनलाइन फ्रॉड करने वाला जालसाज उस ठगी की रकम से ऑनलाइन शॉपिंग कर लेता है। ऐसे में ठगी की रकम की बरामदगी करना पुलिस के लिए संभव नहीं है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में जितनी भी ऑनलाइन ठगी की घटनाएं हो रही हैं, उनमें से ज्यादातर मामलों को सुलझाकर पुलिस असल अपराधी को दबोचकर ले आती है। साथ ही पुलिस ऐसे जालसाजों के कब्जे से उपयोग किए गए एटीएम कार्ड सहित जरूरी गैजेट्स सबूत के तौर पर जब्त भी करती है, लेकिन ठगों के अकाउंट के साथ उनके कब्जे से महज कुछ रकम ही जब्त कर पाती है।
रकम ट्रांसफर होने के तत्काल बाद करते हैं खरीदी
अब तक ऑनलाइन जितनी भी ठगी की घटनाएं सामने आई हैं, उन सभी मामलों में देखा गया है कि जालसाज उस ठगी की रकम से तत्काल ऑनलाइन शॉपिग कर लेते हैं। जालसाजों को इस बात की जानकारी रहती है कि जिनसे इन लोगों ने ठगी की है, वह तत्काल पुलिस की मदद मांगेगा या बैंक जाकर ठगी की शिकायत करेगा। ऐसे में उनकी मेहनत पर पानी फिर सकता है। जालसाजों द्वारा पीड़ित के अकाउंट से अपने अकाउंट में ऑनलाइन रकम ट्रांसफर होने के बाद 24 घंटे के भीतर पीड़ित इस बात की शिकायत बैंक के साथ पुलिस में करता है तो रकम वापसी की शत-प्रतिशत संभावना बनी रहती है।
क्यूआर कोड से भी होने लगी है ठगी
ऑनलाइन ठगी के मामलों को लेकर पुलिस जितनी अलर्ट हो रही है, ठग उससे दो कदम आगे ठगी की घटना को अंजाम देने के उपाय में लगे रहते हैं। ऑनलाइन ठग अब यूपीआई एप के माध्यम से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। यूपीआई के माध्यम से पैसा पाने वाला अनजान व्यक्ति पैसे देने वाले व्यक्ति के सैंड क्यूआर की जगह रिक्वेस्ट क्यूआर कोड भेज पैसे देने वाले व्यक्ति के अकाउंट की जानकारी हासिल कर अकाउंट से रुपए उड़ाने का काम कर रहे हैं। ऐसे मामलों में यूपीआई एप यूजर को सावधानी बरतने की जरूरत है। अगर उसके पास पैसा देने रिक्वेस्ट यूपीआई क्यूआर कोड जैसा मैसेज आता हो तो उसे एक्सेप्ट करने के बजाय रिजेक्ट करना चाहिए, तभी वह ठगी से बच सकता है।
प्रार्थी से कराते हैं सेटलमेंट
इस संबंध में साइबर सेल एएसपी क्राइम अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि ऑनलाइन ठगी के जितने भी मामलों के अपराधियों को पकड़कर लाते हैं, उनके अकाउंट को ब्लाॅक कर उसमें जितनी रकम रहती है, उसे रिकवर करते हैं। कोर्ट के आदेश के बाद आरोपी द्वारा ठगी की गई रकम का प्रार्थी के साथ सेटलमेंट कराया जाता है।
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