देश के लिए वही नेता अच्छे हैं जो हिंदुत्व के समर्थक, चमत्कार सनातन से जोड़े तो अच्छा

रायपुर। राष्ट्र उत्कर्ष अभियान यात्रा में देश भर में दौरे के लिए निकले शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने धर्मांतरण, गौहत्या, ईसा मसीह सहित कई अहम मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी। वह लगातार देश के अलग-अलग राज्यों का दौरा कर रहे हैं। इस कड़ी में रविवार को छत्तीसगढ़ के रायपुर में हैं। शंकराचार्य ने कहा कि देश के लिए वही नेता अच्छे हैं जो हिंदुत्व का समर्थन करते हों, धर्मांतरण का पूरी तरह से विरोध करते हों और गौ हत्या का बिल्कुल भी समर्थन न करते हों। धर्मांतरण के बढ़ते मामलों पर शंकराचार्य ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति ,राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कलेक्टर कमिश्नर जैसे लोगों की जानकारी में ही धर्मांतरण होता है। इसके लिए उन्हें जिम्मेदार माना जाना चाहिए। अगर भारत में हिंदुओं को धर्म से विमुख किया जाता है तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए।
चमत्कार सनातन से जोड़े तो अच्छा
शंकराचार्य ने कहा कि कोई चमत्कार यदि लोगों को सनातन से जोड़ता है, उन्हें भटकाता नहीं है बल्कि भगवान के साथ जोड़ने का काम करता है तो यह अच्छा है। यह तो मनोवैज्ञानिक पद्धति भी है जो लोगों में आस्था विकसित करती है। यदि यह भटकाने का काम करे तो इनसे सावधान रहने की जरूरत है।
योगी ने गौ हत्या का समर्थन किया
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संबंध में कहा कि उन्होंने गौ हत्या का समर्थन किया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अवैध बूचड़खाने बंद हों और वैध बूचड़खाने बने रहें। उन्होंने यह नहीं कहा कि वैध और अवैध दोनों बंद हों। ऐसे में गौ हत्या का समर्थन तो उन्होंने कर ही दिया।
घर-घर में हो रामचरितमानस का पाठ
स्कूलों में रामचरितमानस को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि एक सरकार यदि ऐसा कर भी दे तो दूसरी सरकार नीतियों को बदल देती है, इससे अच्छा यह होगा कि घर-घर रामचरितमानस जैसे धार्मिक आध्यात्मिक ज्ञान का पठन होना चाहिए, यह जिम्मेदारी हर मां-बाप की है। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने यह भी कहा कि जो नेता रामचरित मानस पर बोल रहे हैं वह रामचरितमानस को नहीं जानते।
सभी के पूर्वज हिंदू थे
शंकराचार्य से जब यह पूछा गया कि हिंदू राष्ट्र में मुस्लिमों और ईसाइयों का स्थान होगा या नहीं या उनकी भूमिका क्या होगी तो इसके जवाब में शंकराचार्य ने कहा कि सभी के पूर्वज हिंदू थे। ईसा मसीह को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि रोम में उनकी तिलक वाली प्रतिमा स्थापित है, जिसे ढंक कर रखा गया है। ईसा मसीह वैष्णव थे, ईसा मसीह को मानने वाले समस्त लोगों को वैष्णव बन जाना चाहिए। जब ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया तो वह इलाज के लिए जम्मू कश्मीर आए थे जम्मू कश्मीर में ही उनकी समाधि है।
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