बढ़ते अपराधों पर विपक्ष का हंगामा, गर्भगृह में प्रवेश

रायपुर. विधानसभा में प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने हंगामा कर दिया। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का नाम चर्चा में नहीं होने का हवाला देकर बोलने नहीं दिया गया, जिससे विपक्ष के विधायक नाराज हो गए। धरमलाल कौशिक पहले गर्भगृह में पहुंचे, उसके बाद सभी भाजपा विधायक गर्भगृह में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यसूची में शामिल किए गए अन्य वित्तीय अनुदान को पेश करने के बाद सदन की कार्रवाई बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विधानसभा में शून्यकाल में शिवरतन शर्मा, बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश में बढ़ते अपराध के मामले में स्थगन प्रस्ताव लाया। जनता कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह ने भी स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की। भाजपा विधायकों ने कहा कि साइबर क्राइम के लिए छत्तीसगढ़ सबसे सुरक्षित राज्य बन गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गृहमंत्री को शासन का पक्ष रखने कहा। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने शासन का पक्ष रखते हुए कहा, पुलिस प्रशासन अपराधों को लेकर संवेदनशील है। सभी मामलों में गंभीरता पूर्ण कार्रवाई की गई है। अपराधियों पर कार्रवाई और विवेचना में बेहतर परिणाम आए हैं। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था खराब होने का आरोप ठीक नहीं है। प्रदेश में अपराधों को लेकर दहशत का माहौल नहीं है। कई गंभीर मामलों में अपराधी पकड़े भी गए हैं। आसंदी ने इसके बाद स्थगन प्रस्ताव की ग्राह्यता पर चर्चा कराने का निर्णय लिया।
झीरम पर पक्ष-विपक्ष में नोकझोंक
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक डॉ. रमन सिंह ने कहा, प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो रही है। मानपुर में पुलिस ने 40 लोगों के घर पर नोटिस चस्पा किया कि वो घर छोड़ सकते हैं। इस पर टोकते हुए वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने झीरम नक्सल हमले की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि झीरम कांड से बड़ी आज तक कोई घटना छत्तीसगढ़ में नहीं हुई। इसके दोषी गिरफ्तार नहीं हुए और सजा नहीं मिली। हम सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, क्यों अनुमति नहीं देते। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सबूत हैं बोलते थे तो अब वो क्यों सामने नहीं लाते। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने एसआईटी जांच झीरम पर बैठाई है। केंद्रीय गृहमंत्री से बात भी की, लेकिन हमें जांच का जिम्मा नहीं देते, दस्तावेज तक नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि हमें जांच से क्यों रोका जा रहा है।
छत्तीसगढ़ साइबर ठगों का पसंदीदा स्थान
विपक्ष की ओर से बृजमोहन अग्रवाल ने चर्चा में भाग लेते हुए सरकार पर हमला करते हुए कहा कि प्रदेश में माफिया राज, हत्या और चाकूबाजी की घटनाएं बेतहाशा बढ़ी हैं। महिलाओं के खिलाफ भी आपराधिक घटनाओं में तेजी देखी जा रही हैं। स्थितियां गंभीर हैं, इसलिए काम रोककर चर्चा कराई जानी चाहिए। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ साइबर ठगों का पसंदीदा स्थान बन गया है। उन्होंने सरकारी संरक्षण में आपराधिक गतिविधियां संचालित होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गाजर-मूली की तरह लोग काटे जा रहे हैं। जकांछ विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह ने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत बुरी है। इस पर चर्चा कराया जाना जरूरी हो गया है।
गर्भगृह में विपक्ष की नारेबाजी
विपक्ष, सरकार की ओर से आए जवाब से असंतुष्ट होकर नारेबाजी करने लगा। जवाब में कांग्रेस विधायक भी आक्रामक हो गये। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा को नामंजूर कर दिया। विपक्ष के विधायक चर्चा पर जोर देते रहे। उनका कहना था कि इस विषय पर नेता प्रतिपक्ष को सुने बिना ही आसंदी ने फैसला दे दिया, यह ठीक नहीं है। चर्चा का प्रस्ताव अस्वीकार होने के बाद आक्रोशित भाजपा विधायक गर्भगृह में आकर नारेबाजी करने लगे। गर्भगृह में आए भाजपा के 14 विधायक सदन संचालन के नियम अनुसार स्वमेव निलंबित हो गए। निलंबित विधायक गर्भगृह में नारेबाजी करते रहे, जिससे कार्यवाही प्रभावित होती रही। सदन की कार्रवाई पहले पांच मिनट के लिए स्थगित की गई। पुन: शुरू होने पर मुख्यमंत्री ने अनुपूरक बजट पेश किया, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सदन की कार्रवाई दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS