240 स्कूलों की मान्यता खत्म करने का आदेश रद्द, अब पहले सुनवाई फिर नोटिस, उसके बाद फैसला

रायपुर. लोक शिक्षण संचालनालय ने जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा जारी उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसके द्वारा जिले के 240 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द की गई थी। गुरुवार को जारी किए गए अपने आदेश में लोक शिक्षण संचालनालय ने कहा है कि आदेश जारी किए जाने के पहले निजी स्कूलों को सुनवाई का मौका दिया जाना था तथा उनका पक्ष भी जानना था। इसके बाद शासन से अनुमोदन लेकर उनकी मान्यता समाप्त की जानी थी।
पुराने आदेश को निरस्त करने के साथ ही जिन स्कूलों की मान्यता रद्द की गई है, उन पर अब नए सिरे से कार्रवाई होगी। डीपीआई ने इस स्कूलों को कारण बताओ नाेटिस जारी करने कहा है। स्कूलों द्वारा प्राप्त जवाब का विधिसम्मत अध्ययन करने के बाद प्रतिवेदन लोक शिक्षण संचालनालय को भेजा जाएगा। संचालनालय शासन से अनुमोदन के बाद इन स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी।
अधिकतर में समिति गठित
इन 240 स्कूलों की मान्यता फीस विनायमक समिति गठित नहीं किए जाने के कारण रद्द की गई थी। मान्यता रद्द किए जाने संबंधित आदेश जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा एक माह पूर्व ही जारी कर दिया गया था। निजी स्कूलों ने मान्यता रद्द होते ही तीन दिनों का वक्त समिति गठित करने के लिए मांगा था। तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा तीन दिनों का वक्त दिए जाने के बाद अधिकतर स्कूलों ने आनन-फानन में अपने यहां फीस विनायमक समिति गठित कर ली थी। ऐसे में अब कारण बताओ नोटिस जारी होने और आगे की प्रक्रिया होने के बाद मान्यता बहाल हो सकती थी।
नोडल को ठहराया जिम्मेदार
गौरतलब है कि आदेश जारी होने के एक दिन पहले ही राजधानी में निजी स्कूलों के प्रचार्याें-संचालकों की एक बड़ी बैठक हुई थी। इसमें उन्होंने नोडल अधिकारी द्वारा फाइलें रोके रहने तथा अन्य चीजों को समिति गठित ना हो पाने के लिए जिम्मेवार बताया था। अपनी अन्य पीड़ा भी उन्होंने इस दौरान साझा की थी। निजी स्कूलों द्वारा किए गए निवेदन के बाद यह आदेश आया है। वहीं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने इस फैसले का स्वागत करते हुए नियमानुसार आगे की प्रक्रिया करने की बात कही है।
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