CG News वायरल फीवर का प्रकोप : अस्पताल में लगी मरीजों की लाइन... डॉक्टर भी अछूते नही दवाई खाकर कर रहे इलाज

यशवंत गंजीर-कुरूद। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के कुरुद में पिछले कई दिनों से मौसम में हुई उतार-चढ़ाव ने कई बीमारियों को जन्म दे दिया है। वर्तमान समय में सबसे बड़ी बीमारी बनकर उभरा है वायरल फीवर। शहर से लेकर गांवों तक वायरल बुखार का प्रकोप तेजी से फैल रहा है।
कुरूद की सिविल अस्पताल ओपीडी में रोजाना तक़रीबन 250 से ज्यादा मरीज चिकित्सकों को दिखाने के लिए पहुंच रहे हैं। अस्पताल के काउंटर पर सुबह नौ बजे से लंबी कतारें लग रही हैं। डॉक्टरों के ओपीडी कक्षों के बाहर मरीजों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल रही है। इनमें सबसे ज्यादा छोटे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को यह अपनी चपेट में ले रहा है। अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने से अस्पताल में बेड कम पड़ने की स्थिति भी निर्मित हो जा रही है, जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
छुट्टियों के चलते परेशान हो रहे मरीज
आपको बता दें कि, पिछले दो दिनों से लगातार छुट्टी होने के चलते क्षेत्र के अधिकांश मरीज डॉक्टरों द्वारा ली जाने वाली महंगी फीस को दरकिनार कर जल्द सेहत सुधरवाने डॉक्टरों के घरों में दस्तक दे रहे हैं। मरीजों की व्यथा सुनकर डॉक्टर मजबूरन शासन के आदेशों को नजरअंदाज कर उन्हें ब्रांडेड दवाई लिख रहे हैं। सोमवार शाम 5 बजे सिविल अस्पताल परिसर में डॉक्टर हेमराज देवांगन के घर के अंदर व बाहर वायरल बुखार सहित अन्य बीमारियों के मरीज की कतार देखने को मिल रही थी।
सिविल अस्पताल में है सिर्फ 50 बिस्तरों की सुविधा
इस पुरे मामले में बीपीएम रोहित पांडे ने बातचीत में बताया कि, सिविल अस्पताल में 50 बिस्तरों की सुविधा है लेबर रूम को मिलाकर 60 बिस्तर होते है, जिसे सिर्फ डिलीवरी वाले केश के लिए ही आरक्षित किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि, पिछले सप्ताह भर में रोजाना 250 के करीब मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। अधिकांश मरीजों को उनके रोग के आधार पर दवाई देकर घर मे ही आराम करने की सलाह दी जा रही है। गंभीर स्थिति में ही मरीजों की भर्ती अस्पताल में की जा रही है। अस्पताल के कुछ डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ भी वायरल फीवर के प्रकोप में आ गए हैं जो दवाई खा-खा कर अपनी ड्यूटी दे रहे हैं। बीपीएम ने यह स्वीकार किया कि, लगातार दो दिन सरकारी छुट्टियां हो जाने से क्षेत्र के लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
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