अधीक्षक पर भड़का आक्रोश : हास्टल प्रबंधन के खिलाफ छात्र-छात्राओं ने खोला मोर्चा, 6 बच्चियों को रातभर बाहर रखने पर भड़के

राहुल यादव-लोरमी। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में आदिवासी छात्रावास में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। छात्रावास से छात्राएं बिना परमिशन के ही गायब रहती हैं। छात्रावास के अधिकारियों में कोई जिम्मेदारी नहीं है। यहां कभी भी कोई भी अनहोनी हो सकती है। आदिवासी छात्रावास से 6 छात्राएं अचानक बिना किसी को बताए गायब हो गई। ऐसे में छात्रावास अधीक्षिका पर कई सवाल उठते हैं। अधीक्षिका और प्रिंसिपल की लापरवाही को देखते हुए छात्रों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बालक अधीक्षक, अधीक्षिका रीता डिंडोरे और प्रिंसिपल पीडी ध्रुव को हटाने की मांग पर सैकड़ों की तादाद में आदिवासी छात्र-छात्राएं धरने पर बैठ गए हैं। ये सभी प्रिंसिपल और अधीक्षिका को हटाने की मांग कर रहे हैं।
दरअसल, यह मामला लोरमी के बंधवा स्थित एकलव्य विद्यालय का है। जहां पर जिम्मेदार लोगों की लापरवाही के कारण आदिवासी छात्र-छात्राओं ने हॉस्टल का घेराव कर दिया है। ये सभी अधीक्षिका को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रधानपाठक पर बिना अनुमति के आधा दर्जन छात्रों को मेला घुमाने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि 6 छात्राएं रात भर छात्रावास से गायब थीं। आदिवासी छात्राएं सुबह हॉस्टल पहुंची तो अधीक्षिका ने छात्राओं के प्रवेश पर रोक लगा दिया। घंटों बवाल के बाद विभागीय अधिकारियों के हस्तक्षेप से बच्चों को हॉस्टल में प्रवेश दिलाया गया।
छात्रावास अधीक्षक और अधीक्षिका पर मनमानी करने का आरोप
बताया जा रहा है कि प्रिंसिपल छात्रावास से 6 बच्चों को मेला घुमाने ले गए थे, जिसके बाद रात तक छात्राएं हॉस्टल नहीं पहुंची। सूचना पर इसकी जानकारी अधीक्षिका ने उच्च अधिकारियों को दी, जिसमें जांच के बाद बच्चों को छात्रावास में प्रवेश नहीं दिया गया। घंटों के बवाल के बाद उन्हें प्रवेश मिला। फिर बालक छात्रावास और बालिका छात्रावास के बच्चों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बालक छात्रावास में अधीक्षक अश्वनी बंजारे तो वहीं बालिका छात्रावास में अधीक्षिका रीता डिंडोरे कार्यरत हैं, जिन पर बच्चे मनमानी करने का आरोप लगा रहे हैं और उन्हें हटाने की मांग कर रहें हैं। मंगलवार सुबह से ही एकलव्य आवासीय विद्यालय के सभी बच्चे विद्यालय के सामने धरना प्रदर्शन में बैठे हैं। बता दें कि बालक छात्रावास में 178 बच्चे और बालिका छात्रावास में 180 बच्चियां रह रही हैं, जहां 6वीं से लेकर 11वीं तक की पढ़ाई होती है।
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