कल तक होगी धान की नीलामी, दर कम नहीं करेगी सरकार

मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने सरप्लस (अतिशेष) धान की 31 मई तक नीलामी करने और समितियों में उपलब्ध धान को जल्द से जल्द संग्रहण केंद्रों में परिवहन कर तेजी से कस्टम मिलिंग कराने पर जोर दिया। बैठक में अतिशेष धान की नीलामी के लिए अब तय दर में कमी नहीं करने का प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही उपलब्ध अतिशेष धान की कस्टम मिलिंग के बाद चावल का निष्पादन किस तरह हो सके इस संबंध में विचार-विमर्श किया गया।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर, डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और उमेश पटेल शामिल हुए। बैठक में रबी सीजन के धान की आवक, वर्षा ऋतु के शीघ्र आगमन की संभावना एवं धान की नीलामी में प्रस्तुत मात्रा और वर्तमान दरों के संबंध में भी विचार-विमर्श किया गया। गौरतलब है कि मंत्रिमंडलीय उपसमिति द्वारा मोटा एवं सरना धान के लिए 1350 रुपए प्रति क्विंटल एवं इससे अधिक तथा ग्रेड-ए (पतला) धान के लिए 1400 रुपए या इससे अधिक की राशि को स्वीकृति दी गई थी।
बैठक में अतिशेष धान की नीलामी के लिए धान के रेट में कोई कमी नहीं करने का निर्णय लिया गया। प्रदेश की सभी समितियों में रखे धान को संग्रहण केंद्रों में ले जाकर, कस्टम मिलिंग कराने अधिकारियों से कहा गया है। शेष धान के कस्टम मिलिंग के पश्चात चावल का निष्पादन किस प्रकार किया जाए इस पर निर्णय नहीं हो पाया। बैठक में राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल वर्मा, खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक निरंजन दास, मार्कफेड के प्रबंध संचालक अंकित आनंद और विशेष सचिव मनोज के. सोनी भी शामिल थे।
10 जून तक करें धान का उठाव
मार्कफेड के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में समितियों में लगभग 9.22 लाख मीट्रिक टन धान रखा है। मिलर्स द्वारा सीधे समितियों से धान उठाव और संग्रहण केंद्रों में निरंतर परिवहन से लगभग 5.52 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव दो सप्ताह में हो जाएगा। मंत्री श्री भगत ने कहा कि बारिश के मौसम में समितियों में रखा धान खराब न हो इसलिए 10 जून तक धान का उठाव करें।
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