धान उठाव नहीं, सूखत की भरपाई समितियों से करने पर विपक्ष का हंगामा, बहिर्गमन

विधानसभा में भाजपा ने धान खरीदी के बाद समय पर धान का उठाव नहीं होने का मुद्दा उठाया। भाजपा विधायकों ने कहा कि समितियों पर सूखत की भरपाई से समितियां बरबाद हो रही हैं। मंत्री ने कहा है कि उपार्जन केंद्रों में आने वाली सूखत की भरपाई समितियों को दी जाने वाली कमीशन राशि से की जाती है। विपक्ष ने सरकार पर धान खरीदी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने बहिर्गमन किया।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने ध्यानाकर्षण के जरिए धान संग्रहण केंद्रों में धान उठाव का मामला उठाया। उन्होंने पूछा, सरकारी समितियों से समय पर धान नहीं उठा इसका ज़िम्मेदार कौन है? खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि धान खरीदी के बाद 72 घंटे में उठाने का नियम है। 72 घंटे में परिवहन नहीं होता तो समितियां अपने से परिवहन कराने के लिए सक्षम हैं।
विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा है कि समितियों को पहले परिवहन करने का आदेश दिया गया और बाद में रोक दिया गया। उन्होंने पूछा है कि परिवहन का आदेश कब दिया गया? मंत्री ने कहा है कि धमतरी में समितियों में डाटा मिलान करने पर 5719 टन धान की सूखत पाई गई है। सूखत पाई गई धान की कीमत 9 करोड़ 79 लाख रुपए है। यह राशि समितियों को प्रति क्विंटन 5 रुपए के कमीशन में सामयोजित कर शेष राशि समितियों को दी जाएगी। विपक्ष ने आरोप लगाया कि परिवहनकर्ताओं के द्वारा उठाव में देरी की जिम्मेदारी समितियों पर डालकर उन्हें सरकार बर्बाद कर रही है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने बहिर्गमन कर दिया।
31 हजार टन धान का निराकरण अब तक नहीं
मंत्री ने बताया है कि इस साल 92 लाख टन धान की खरीदी की गई। इनमें से 13.92 लाख टन धान संग्रहण केंद्र, 2.10 लाख टन उपार्जन केंद्र में शेष है। इनमें राजनांदगांव में 30141 टन, 1021 टन सरगुजा और 29688 टन महासमुंद में शेष है। धमतरी जिले में कुल 4.27 लाख टन धान खरीदी की गई। इसमें से 3.38 लाख टन का उठाव किया गया। 0.05 लाख टन संग्रहण केंद्र और 0.78 टन क्रेता द्वारा उठाव किया गया है।
यहां पर 5719 टन का सूखत पाया गया है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि पिछले साल के 31 हजार टन से अधिक धान का निराकरण मामले में हाईकोर्ट ने कलेक्टर को आर्बिटेटर नियुक्त किया है। इसका निराकरण अब तक नहीं हो पाया है। यह धान पूरी तरह से सड़ चुका है। परिवहन माफिया की गलती से यह हुआ है। मंत्री ने इस पर कहा कि इसका निराकरण किया जा रहा है।
पिछले साल का 1.55 लाख टन धान सूखत
बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा कि पिछले साल 1 लाख 55 हजार टन धान सोसाइटियों में शेष है। ये कहां गया? मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि पिछले साल शेष धान सूखत का है। जब तक डाटा मिलान नहीं होगा तब तक बता पाना मुश्किल है।
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