धान खरीदी की बोहनी ही खराब : कहीं खरीदी में देरी तो कहीं लटक रहे ताले, कर्मचारियों की हड़ताल ने बढ़ाई समस्या

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज से धान खरीदी की शुरुआत हो गई है। लेकिन राजधानी रायपुर में ही धान खरीदी केंद्रों का हाल बुरा है। विधानसभा से लगे गिरोध गांव के धान खरीदी केंद्र में अब तक इसकी शुरुआत नहीं हुई है। वहीं प्रदेश के कई स्थानों पर कर्मचारी अवकाश पर चले गए हैं। पेंड्रा और बस्तर से कर्मचारियों के हड़ताल पर होने की खबर है। वहीं बस्तर जिले में ज्यादातर खरीदी केंद्रों पर ताले लटक रहे हैं। धान खरीदी केंद्र के अध्यक्ष और प्रबंधक इसकी बोहनी कर रहे हैं। भाजपा ने सरकार से मांग की है कि किसानों से 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी हो, लेकिन सरकार समय से पहले तो सोसायटियों को भंग कर अपने प्रतिनिधियों की नियुक्ति की है।
उल्लेखनीय है कि रायपुर के आस पास भी धान खरीदी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। सोसाइटी प्रबंधक का कहना है कि प्रथम उद्देश्य किसानों को लाभ पहुंचाना है। भाजपा ने अपने कार्यकाल में कभी 20 क्विंटल धान की खरीदी नहीं की और अब इस प्रकार की मांग कर रही है।
बस्तर के खरीदी केंद्रों में जड़े ताले
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले के जगदलपुर में आज से धान खरीदी की शुरूआत थी, लेकिन सभी उपार्जन केंद्र के गेट में ताला लगा पाया गया। इसके कारण धान खरीदी पूरी तरह प्रभावित हो रही है। 1500 कर्मियों के बगैर ही धान की खरीदी शुरू हो रही। इससे धान खरीदी में संकट गहरायेगा। यह जिम्मेदारी नोडल अधिकारियों को दी गई है। बस्तर में 40 हजार किसानों ने पंजीयन कराया। वहीं संभाग के 329 लैम्प्स कर्मी हड़ताल पर बैठे है। 1 लाख 78 हजार 399 मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया।
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