मैदानी क्षेत्रों में किसानों को अब भी बारिश का इंतजार, रोपाई करने खेतों में पर्याप्त पानी नहीं

प्रदेश में चार दिनाें से लगातार हो रही बारिश धान की खेती करने वाले 18 जिलाें के किसानों के लिए फायदेमंद साबित हुई है। बारिश से रोपाई करने खेतों में पर्याप्त पानी भर चुका है लेकिन मैदानी क्षेत्र में कम बरसात से किसानों की चिंता बढ़ गई है। मैदानी क्षेत्रों के किसान रोपाई करने पानी का इंतजार कर रहे हैं। रायपुर में भी पिछले वर्ष के तुलना इस बार जुलाई में कम बारिश दर्ज की गई है। बीते दिनों पानी गिरने से खेतों में दरार पड़ने लगी थी।
झड़ी से किसानों ने राहत की सांस ली है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. बीएस राजपूत का कहना है, अक्सर राेपाई करने से पहले तेज बरसात से फसल गिर जाती थी। खेतों में ज्यादा पानी भर जाता था जिससे किसानों को अधिक मेहनत के साथ नुकसान होता था। इस बार रोपाई के वक्त बरसात धीमी गति से हो रही है। इससे किसान अच्छी तरह से रोपाई कर पाएंगे। उनका कहना है इन दिनों अधिकतर खेतों में 3 से 4 इंच पानी भर चुका है जो रोपाई के लिए पर्याप्त है। लगातार हो रही बरसात से फिलहाल फसल को कोई नुकसान नहीं है।
खेतों में पानी की आवश्यकता
बारिश के सक्रिय होने के बाद अब किसानों खेतों में रोपाई कार्य में जुट गए हैं। कृषि वैज्ञानिक डाॅ. एसएस चंद्रवंशी का कहना है इस पानी से धान की फसल कर रहे किसानों को नुकसान नहीं लेकिन सोयाबीन और तिल की खेत प्रभावित होगी। अब उन फसलों में कीड़े लगने की संभावना बढ़ जाएगी। उनका कहना है खेतों में अभी और पानी की आवश्यकता है। क्योंकि धान की रोपाई के 15 से 20 दिन तक खेत में पानी जमा रखते हैं। अगर रोपाई के बाद पानी खेत में नहीं रहा तो खरपतवार आने की संभावना बढ़ जाती है। उनका कहना है कि सरगुजा, बालोद, राजनांदगांव, रायपुर, गरियाबंद, धमतरी समेत कुछ जिलों में जून से अभी तक 450 मिलीमीटर तक बारिश हुई है। भविष्य में रोपाई केे बाद यहां पानी की जरूरत पड़ेगी।
शुरू करें रोपाई
कृषि विज्ञान केंद्र में प्रदेशभर से किसान कृषि वैज्ञानिकों से रोपाई को लेकर सुझाव मांग रहे हैं। मैदानी क्षेत्रों में खेतों में कम पानी हाेने से किसान आने वाले दिनों में बरसात की संभावना पूछ रहे हैं ताकि रोपाई के लिए कुछ दिन और इंतजार किया जा सके। प्रदेश में आने वाले दिनों में बारिश जारी रहेगी। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार एक इंच से ज्यादा गहरी रोपाई न करें। अच्छी पैदावार के लिए पर्याप्त संख्या में पौधों की रोपाई करें। एक ही जगह दो-दो पौधे रोपित करना बेहतर होगा ताकि बाद में खेत में पौधों की संख्या कम न हो। किसान काफी कम संख्या में पौधों की रोपाई करते हैं। बाद में खेत को भरने अतिरिक्त यूरिया का इस्तेमाल करना पड़ता है।
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