पं. रविशंकर शुक्ल विवि की सेमेस्टर परीक्षाओं में शून्य उपस्थिति वाले लॉ छात्र परीक्षा में बैठे, विवाद होने पर लगाई रोक

पं. रविशंकर शुक्ल विवि की सेमेस्टर परीक्षाओं में शून्य उपस्थिति वाले लॉ छात्र परीक्षा में बैठे, विवाद होने पर लगाई रोक
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पं. रविशंकर शुक्ल विवि की सेमेस्टर परीक्षाएं विवादों में आ गई हैं। एक भी दिन कक्षा में न आने वाले छात्रों को भी परीक्षा में बैठने की अनुमति दिए जाने को लेकर यह सारा विवाद उत्पन्न हुआ है।

रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विवि की सेमेस्टर परीक्षाएं विवादों में आ गई हैं। एक भी दिन कक्षा में न आने वाले छात्रों को भी परीक्षा में बैठने की अनुमति दिए जाने को लेकर यह सारा विवाद उत्पन्न हुआ है। कक्षा में छात्रों की कम से कम 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य होती है। इसके कम दिन कक्षा में आने पर छात्रों को परीक्षा में नियमित परीक्षार्थी के रूप में बैठने की पात्रता नहीं होती। सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू होने के पूर्व रविवि ने सभी विभागों से ऐसे छात्रों की सूची मांगी थी, जिनकी उपस्थिति का प्रतिशत निर्धारित सीमा से कम था।

अन्य विभागों के साथ ही विधि विभाग ने भी ऐसे छात्रों की सूची सौंपी थी। विधि विभाग में दो पाठ्यक्रम संचालित होते हैं-पांच वर्षीय बीए एलएलबी तथा दो वर्षीय एलएलएम। इन दोनों पाठ्यक्रमों के सभी वर्ष के छात्रों को मिलाकर 67 विद्यार्थी ऐसे थे, जिनकी उपस्थिति 60 प्रतिशत से कम थी। इनमें भी अधिकतर 20 प्रतिशत से कम अथवा शून्य उपस्थिति वाले हैं।

छात्रों ने कहा- हम भी नहीं आएंगे

इन छात्रों की सूची विभाग द्वारा रविवि प्रबंधन को सौंपे जाने के बाद भी काेई कार्रवाई नहीं की गई। इन छात्रों को परीक्षा में बैठते देख नियमित कक्षा आने वाले छात्र भड़क गए। नियमित छात्रों ने कहा कि जब बगैर आए ही परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जा रही है तो वे भी अगले सत्र से कक्षा में नहीं आएंगे। लॉ विभाग के साथ ही अन्य विभागों ने भी कम उपस्थिति वाले छात्रों की सूची रविवि प्रबंधन को सौंपी थी। फॉर्मेसी सहित कई अन्य विभागों में उपस्थिति की निर्धारित समयसीमा पूर्ण न करने वाले छात्रों को रोक गया है। रविवि के इस अजीबो-गरीब नियम से छात्र भी हैरान-परेशान हैं।

इधर... कॉलेजों को नियम मानने के निर्देश रविवि ने परीक्षाओं की तैयारी को लेकर महाविद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे छात्रों के परीक्षा फाॅर्म ही विवि का फाॅरवर्ड करें, जिनकी उपस्थिति 75 प्रतिशत अथवा उससे अधिक हो। महाविद्यालयों को निर्देश देने वाला रविवि प्रबंधन खुद ही नियम का पालन करना भूल गया है। गौरतलब है कि उपस्थिति में 15 प्रतिशत की छूट कुलपति द्वारा विशेषाधिकार के अंतर्गत दी जा सकती है। हालांकि इसके लिए छात्र को अपने अनुपस्थित रहने का कारण बताना होता है।

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