दिगम्बर जैन बड़े मंदिर में पर्वाधिराज दसलक्षण पर्युषण महापर्व का आयोजन

दिगम्बर जैन बड़े मंदिर में पर्वाधिराज दसलक्षण पर्युषण महापर्व का आयोजन
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दसलक्षण पर्व हमारे जीवन में आत्मावलोचन, आत्म निरीक्षण, आत्म जागृति और आत्मा उपलब्धि का महान पर्व है। दसलक्षण पर्व वर्ष में तीन बार मनाया जाता है। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के मालवीय रोड(Malviya Road) स्थित श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर (Shri Adinath Digambar Jain Temple )में पर्वाधिराज दस लक्षण पर्युषण महापर्व का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural programs) भी रखे गए।

महापर्व के प्रथम दिन उत्तम क्षमा दिवस मनाया गया। सुबह 7 बजे हर दिन की तरह सर्वप्रथम मंदिर जी पर मन्त्रोच्चार के साथ धार्मिक ध्वजारोहण किया गया। इसके बाद 12 वे तीर्थंकर श्री वासुपूज्य भगवान का 4 स्वर्ण कलशों से अभिषेक किया गया। प्रथम अभिषेक का सौभाग्य इंद्र प्रमोद कुमार, संजीव कुमार, राजीव जैन, सिद्धार्थ जैन, राहुल जैन को मिला। रिद्धि-सिद्धि प्रदाता प्रथम शांति धारा करने का सौभाग्य गुलशन लक्ष्मी कांत जैन को मिला। इस अवसर महिलाओं ने मंगल कलश स्थापना की और अखंड ज्योति प्रज्वलन श्वेता केतन जैन ने किया। आरती और सामूहिक पूजन के दौरान महिलाएं, बच्चे, युवा सभी उपस्थित थे।


दशलक्षण पर्व का मर्म

ब्रम्चारी पं. अंशुल शास्त्री ने बताया कि, दसलक्षण पर्व हमारे जीवन में आत्मावलोचन, आत्म निरीक्षण, आत्म जागृति और आत्मा उपलब्धि का महान पर्व है। दसलक्षण पर्व वर्ष में तीन बार मनाया जाता है। भाद्रपद, माघ और चैत्र के महीने में भी मनाया जाता है। इस पर्व को मनाने का कारण यह है कि, यदि कोई कषाय 6 महीने से अधिक - अधिक रहे तो अनंतानुबंधी बन जाती है। अतः 6 माह से पूर्व क्षमा वाणी बनाने के लिए इस पर्व की व्यवस्था तीन बार की गई है। मंगलवार के प्रथम दिन उत्तम क्षमा का दिन है। इस दिन जैन भक्त क्रोध का त्याग करते हैं कोई भी समस्या हो तो यह मानते हैं कि, यह हमारे पूर्व जन्म का कारण है। इसलिए क्रोध करके हम इस संसार को क्यों बढ़ाएं। क्रोध के नियंत्रण के लिए जैन भक्त तत्वज्ञान वैराग्य और परिस्थिति का सही-सही विश्लेषण करके क्रोध से बचते हैं यद्यपि शक्ति से सहित होने पर भी जैन भक्त क्षमा भाव धारण करता है। क्षमा का मतलब यही है कि, समता सौजन्य से सहित होना और कहा भी गया है क्षमा वीरों का आभूषण है, कायरों का नहीं। इसलिए जैन वीर क्षमा को धारण करते हैं।


हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

अध्यक्ष संजय ने बताया कि, 19 सितम्बर को टैगोर नगर मंदिर में मंगलाचरण धर्मिक तम्बोला, 20 को सांगानेर ब्रम्चारी भैया से जानिए धर्म को, 21 को महावीर मण्डल फाफाडीह द्वारा संस्कारी बहु नाटिका, 22 को प्रतिभा महिला मण्डल द्वारा धार्मिक डंब शेराज और नृत्य प्रस्तुति, 23 को मालवीय रोड महिला मण्डल द्वारा जैन गीत टेलेंट, 24 को दि. जैन महिला मण्डल द्वारा जोड़ी, 25 को आदिश्वर महिला मण्डल डीडी नगर द्वारा बूझो तो जाने औरं नृत्य प्रस्तुति, 26 को सन्मति विद्या ज्ञानपीठ फाफाडीह द्वारा मंगलाचरण नाटिका, 27 को दि. जैन सोशल ग्रुप द्वारा खुशहाल परिवार जिनशासन आधार, 28 को डॉ धनजय जैन की ओर से आरती सजाओ और प्रतिक्रमण का कार्यक्रम रखा गया है। इन सभी कार्यक्रम का आयोजन दि.जैन बड़ा मंदिर पंचायत ट्रस्ट और महिला मण्डल में किया गया है। साथ ही साथ बड़े मंदिर में पूरे दस दिनों में बाहर से आए साधर्मी व्यापारी बंधु, छात्र छात्राएं औरं स्थानीय लोग उनके लिए शुद्ध सात्विक भोजन की व्यवस्था भी बड़े मंदिर में रखी गई है।



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