पटना ब्लास्ट : 4 को फांसी, छत्तीसगढ़ में रची गई थी साजिश, NIA कोर्ट ने सुनाई 8 आरोपियों को सजा

रायपुर। पटना के गांधी मैदान में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में NIA कोर्ट ने 9 आतंकियों को सजा का ऐलान कर दिया है। विशेष NIA कोर्ट के जज गुरविंदर सिंह ने चार आतंकियों को फांसी की सुनाई है, जबकि दो को उम्र कैद की सजा दी गई है। दो दोषियों को 10 साल और एक को सात साल की सजा सुनाई है। प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में हुए बम ब्लास्ट मामले में जेल में कैद 10 में से 9 आतंकियों को बीते 27 अक्टूबर को दोषी करार दिया गया था।
NIA कोर्ट ने नोमान अंसारी, हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह उर्फ ब्लैक ब्यूटी, मो. मोजिबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम को फांसी की सजा दी है। साथ ही उमर सिद्दीकी और अजहरूद्दीन को उम्र कैद की सजा दी है। यह सभी छह आतंकी IPC का सेक्शन 302, 120B और UAPA एक्ट जैसे गंभीर धाराओं में दोषी करार दिए गए थे। NIA के स्पेशल PP ललित प्रसाद सिन्हा ने इन सभी के लिए फांसी की मांग की थी। इनके अलावा कोर्ट ने अहमद हुसैन और फिरोज आलम उर्फ पप्पू को 10 साल और इफ्तिखार आलम को सात साल की सजा सुनाई है। खास बात है कि इफ्तिखार की सजा 7 साल पूरी हो गई है।
कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी आतंकी को इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करनी है तो वो 30 दिनों के अंदर कर लें, वरना सजा का यह आदेश कन्टीन्यू किया जाएगा। इसके पहले बचाव पक्ष के वकील सैयद इमरान गनी ने कोर्ट के बाहर कहा था कि उन्होंने दोषियों के लिए पुनर्वास की मांग की है। क्योंकि, सरकारी वकील इस बात को साबित करने में विफल रहे हैं कि इनका पुनर्वास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कई ऐसे फैसले हैं, जिनमें कहा गया है कि जिन अभियुक्तों के पुनर्वास के चांसेज हैं, उनके साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार किया जाए।
दोषियों में 5 आतंकवादी तो गया के महाबोधि मंदिर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के भी आरोपी हैं। ये इस मामले में की सजा भी काट रहे हैं। कोर्ट ने 27 अक्टूबर को इस मामले में 10 में से 9 आरोपियों को दोषी करार दिया था। दोषियों को पटना के बेऊर जेल में रखा गया है। कोर्ट ने कहा था कि इस केस में दोषियों की सजा का ऐलान 1 नवंबर को किया जाएगा। जबकि, एक आरोपी व उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के रहने वाले फखरुद्दीन को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में दिन बरी कर दिया था। सीरियल ब्लास्ट के मामले में NIA ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसमें एक नाबालिग निकला है। उसका केस जुवेनाइल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है।
27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली थी। इस रैली में उस वक्त के प्रधानमंत्री उम्मीदवार और वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे। प्रतिबंधित संगठन सिमी के आतंकवादियों के निशाने पर नरेंद्र मोदी ही थे। यह NIA की जांच और कोर्ट में पेश किए गए सबूतों से स्पष्ट हो चुका है। आतंकवादियों की साजिश पहले मानव बम के जरिए सीधे नरेंद्र मोदी को ही टारगेट करने की थी। इसके लिए झारखंड में रांची के ध्रुवा डैम के पास आतंकियों ने मानव का ट्रायल भी किया था, जो विफल रहा था।
गया में महाबोधि मंदिर कैंपस में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद आतंकवादियों का जुटान छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुआ था। वहीं पर आतंकी उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन और हैदर अली ने मिलकर पटना के गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट की स्क्रिप्ट तैयार की थी। हुंकार रैली के दौरान सीरियल ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि, 89 लोग घायल हो गए थे। पिछले 8 साल से यह केस लगातार चल रहा था। केस को अंजाम तक पहुंचाने के लिए जांच एजेंसी NIA की टीम और कोर्ट के अंदर एडवोकेट की टीम को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। इनकी मेहनत का रिजल्ट आज सबके सामने आया।
जिन 9 आतंकियों को पटना सीरियल ब्लास्ट मामले में दोषी करार दिया गया था, उसमें आतंकी उमेर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले हैं। जबकि अहमद हुसैन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर का रहने वाला है। वहीं, इम्तियाज अंसारी, मोजिबुल्लाह, हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, फिरोज अलाम उर्फ पप्पू और इफ्तिखार आलम झारखंड के रहने वाले हैं।
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