Bemetara Kand: सांप्रदायिक हिंसा की आग के बाद लोगों को मिली राहत, गांव में हमेशा से था शांति का माहौल फिर क्यों हुआ दो पक्षों में विवाद ?

सूरज सिन्हा/बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बिरनपुर गांव में हिंसक झड़प के पांच दिन बाद लोगों को राहत मिल गई है। काफी दिनों से बेमेतरा जिले में 144 लागू होने की वजह से लोग घरों में कैद थे। 22 साल के युवक की हत्या के बाद से लोगों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ था। लेकिन अब जन-जीवन सामान्य होता नजर आ रहा है। इस वीडियो के जरिए आप देख सकते है कि कैसे एक महिला अपनी बच्ची के साथ सब्जी का थैला लेकर आ रही है। कड़ी सुरक्षा के बीच गांव के लोगों को घरों से बाहर निकल कर सब्जी और राशन लेने की इजाजत मिल गई है। इससे पहले पांच दिनों तक जिले में तनाव का वातावरण देखने को मिला था।
दो गुटों की लड़ाई के बीच पुलिस पर हुआ था हमला...
बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में 8 अप्रैल को दो समोदाय की झड़प को पुलिस प्रशासन भी नहीं रोक पाया था। हालांकि घटना के बाद पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। इस बीच 3 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। यह तक कि कुछ लोगों ने पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया था। पुलिस की मौजूदगी में एक समुदाय ने दूसरे समुदाय पर हमला किया था। हालत बेकाबू होने पर साजा एसडीएम ने इस इलाके में धारा 144 लागू कर दी थी। जिसके बाद से गांव में भय की स्थिति पैदा हो गई थी।
क्या इससे पहले कभी इस गांव में हुआ था विवाद...
आपको बता दें, बिरनपुर गांव में लगभग 1200 मतदाता हैं और उनमें से 300 मुसलमान हैं। यह मुसलमान कई सालों से इस गांव में रह रहे हैं। इससे पहले कभी भी इस तरह की हिंसा देखने को नहीं मिली, यहां पर हिंदु-मुसलमान मिल जुलकर रहते है। इस बार ऐसा क्या हुआ जो विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया? जानकारी के मुताबिक, साहू परिवार की दो युवतियों का मुस्लिम युवकों से शादी के बाद गांव के हालात बदलने लगे। गांव वालो ने आने वाले वक्त में इस तरह के विवाह न हो, इसके लिए एक सम्मेलन आयोजित किया था। लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि आठ अप्रैल की हिंसा दो समुदायों के स्कूली बच्चों के बीच एक छोटी लड़ाई के बाद हुआ विवाद इतना बड़ा रूप ले लेगा।
सीएम ने परिवार को नौकरी देने का किया था ऐलान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को मृतक के परिजनों को सरकारी नौकरी और परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद करने का ऐलान किया था। हिंसा के विरोध में हिंदू संगठनों ने सोमवार को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया था। बंद के दौरान बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए थे। सोमवार को ही बिरनपुर गांव के बाहर भीड़ ने एक घर में आग लगा दी थी। जिसके बाद गांव में पित-पुत्र की लाश मिली थी। राजधानी रायपुर के बस स्टैंड पर विरोध के दौरान पथराव किया था।
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