दोनों ने स्नैक्स खाते हुए की थी उठाई गिरी की प्लानिंग : शिकायत करने वाला ही निकला पूरे मामले का मास्टरमाइंड

रायपुर। तेलीबांधा इलाके के कैनरा बैंक में हुई उठाई गिरी के मामले को रायपुर पुलिस ने सुलझा लिया है। इस कांड में जिस युवक से साथ उठाई गिरी का मामला हुआ है असल में वो ही इस पूरे मामले का असली मास्टर माइंड है। 4 लाख रुपयों से भरा बैग लेकर भागने वाले हेमंत तिवारी और इस पूरी घटना की प्लानिंग करने वाले प्रभात नायक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। प्रभात ने पहले पुलिस को अपने जाल में फसाने के लिए मनकही कहानी सुनाई थी। लेकिन पुलिस ने 24 घंटे के अंदर पूरे मामले का खुलासा कर दिया है जो की बहुत ही हैरान करने वाला है।
दरसल, प्रभात नायक एशियन भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी में मुंशी का काम करता है, 4 लाख रुपयों से भरा बैग लेकर कैनरा बैंक आया था। यहां वो कैश काउंटर के पास बैग को छोड़कर एक पर्ची लेने दूसरे काउंटर में गया। इस बीच हेमंत तिवारी नाम के एक शख्स से उसका बैग उठाया और वहा से भाग गया। इसके बाद प्रभात ने उठाई गिरी होने की पूरी बात अपने मालिक को बताई और पुलिस को भी।
कुछ महीने पहले ही हुई थी मुलाकात
दरअसल प्रभात नायक पिछले कई सालों से एशियन भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहा था। इसका ऑफिस अवंती विहार के शीतला माता मंदिर के पास है। अवंति विहार से प्रभात अक्सर तेलीबांधा के कैनरा बैंक में लाखों रुपए जमा करने पहुंचता था। कंपनी के रुपयों को चुराने या गबन करने की बात उसके मन में काफी दिनों से चल रही थी। कुछ महीने पहले उसकी मुलाकात अपने दोस्त हेमंत से हुई जहां फिर दोनों ने मिलकर ये पूरा प्लान बनाया था।
स्नैक्स खाते हुए हुई पूरी प्लानिंग
पुलिस की पूछताछ में प्रभात ने बताया कि उसने हेमंत के साथ स्नैक्स खाते हुए प्लान डिस्कस किया था। प्रभात ने कहा था- मैं कैश से भरा बैग लेकर आऊंगा तू धीरे से उस बैग को बैक लेकर निकल जाना। और अपने गांव में जाकर छुप जाना। मैं पुलिस और कंपनी में लूट या उठाई गिरी की बात बता दूंगा। हेमंत पिछले कई दिनों से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, उसके परिवार के जेवर भी गिरवी पड़े थे। वो राजी हो गया। इस उठाई गिरी को अंजाम देने के लिए दोनों ने बैंक में 5 दिनों तक प्रयास किया मगर भीड़ की वजह से हेमंत बैग लेकर भागा नहीं। मंगलवार को मौका पाते ही उसने कांड कर दिया।
100 से ज्यादा कैमरों की जांच
तेलीबांधा थाने की टीम इस केस की छानबीन में लगी रही। बैंक के अंदर और बाहर लगे कैमरों को जांचा गया। प्रभात से बैग लेकर भागने वाला शख्स पिरदा की ओर जाता दिखा। रास्ते में हर कैमरे को जांचा गया। गाड़ी के नंबर को ट्रेस किया गया। 100 से ज्यादा कैमरों की जांच के बाद पुलिस को हेमंत की सही लोकेशन पता चल गई। हेमंत पिरदा का ही रहने वाला था। उसके घर के बाहर वही स्कूटर खड़ा मिला जिसे पुलिस ट्रेस कर रही थी, टीम ने इसे पकड़ लिया पूछताछ में हेमंत ने सारी कहानी बता दी। उसने बताया कि करीब 50 हजार रुपए उसने गोल्ड लोन एजेंसी को देकर अपने गिरवी रखे जेवर ने लिए थे। बाकी की रकम और हेमंत का स्कूटर भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। इस मामले के मास्टर माइंड प्रभात को भी गिरफ्तार किया गया है।
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