'मनचाही पोस्टिंग' वाला दलाल : पहले सस्पेंड अब पुलिस ने धर दबोचा, हरिभूमि-INH ने की आरोपी से एक्सक्लूसिव बातचीत, सुनने लायक है 'मासूम' जवाब...

बिलासपुर. मनचाही पोस्टिंग मामले में दलाल शिक्षक नंद कुमार साहू को पुलिस ने दबोच लिया है. एनके साहू को थाने में बिठाकर पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है. नंद कुमार साहू को पुलिस ने उसके घर बंधवापारा सरकंडा से दबोचा है. नंदकुमार साहू के बयान से दलाली और चयनित लिस्ट के लीक होने का खुलासा होगा. हरिभूमि-INH ने इस संबंध में आरोपी से बातचीत की. आरोपी का कहना था कि उनका मोबाइल खो गया है. उन्हें फंसाया जा रहा है. उनके नाम का दुरूपयोग किया जा रहा है. आरोपी एनके साहू ने अफसरों के साथ सेटिंग से भी इनकार कर दिया. आरोपी ने कहा कि किसी भी अधिकारी के साथ उनका उठना-बैठना नहीं है. अब पुलिसिया कार्रवाई के बाद ही खुलासा होगा कि आखिर दलाल कौन है? सूची किसने लीक की?
इस मामले पर एसएसपी पारुल माथुर ने एडिशनल एसपी गरिमा द्विवेदी को जांच अधिकारी बनाया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी के निर्देश पर टीआई दुर्गा किरण पटेल अपनी टीम के साथ संयुक्त संचालक दफ्तर पहुंचकर पोस्टिंग के लिए दलाली का खेल करने वाले नंदकुमार साहू के संदर्भ में जानकारी जुटाकर सरकंडा स्थित बंधवापारा घर पहुंची. यहां से एनके साहू को पुलिस ने दबोच रखा है. ASP गरिमा द्विवेदी अपने दफ्तर में ही रखकर पूछताछ और जांच कर रही हैं.
बता दें कि हरिभूमि-INH के स्टिंग ऑपरेशन के बाद बड़ी कार्रवाई हुई. मनचाही पोस्टिंग का दावा करने वाला दलाल शिक्षक नंदकुमार साहू को सस्पेंड कर दिया गया. अब एनके साहू को पुलिस ने भी धर दबोचा है. लगातार कार्रवाई के बाद इस दलाली में संलिप्त अफसरों में भी हड़कंप मच गया है.
बता दें कि कल रविवार को ही हरिभूमि-INH न्यूज़ ने 90 हज़ार में पोस्टिंग की दलाली का बड़ा खुलासा किया था. अभ्यर्थियों से गोपनीय दस्तावेज के आधार पर मोटी रकम मांगी जा रही थी. स्टिंग ऑडियो में आरोपी दलाल शिक्षक अधिकारियों से सांठगांठ का भी जिक्र कर रहा था. हालांकि इस मामले में संलिप्त अन्य बड़े अधिकारियों पर विभाग ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. खुलासे के बाद से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. जांच के नाम पर अधिकारी अभी भी दोषियों को बचाने में जुटे हुए हैं. मामले को लेकर पुलिसिया कार्रवाई पर अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है. इस दलाली मामले में बड़े अधिकारियों पर भी कई सवाल उठ रहे हैं. आखिर इन दलालों को गोपनीय दस्तावेज कौन उपलब्ध करा रहा था. यह इस मामले का सबसे बड़ा पहलू है, जिसका अभी खुलासा होना बाकी है.
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