शराबबंदी पर चले सियासी तीर: अध्ययन कमेटी के चीफ शर्मा बोल रहे-निकट भविष्य में संभव नहीं... चंद्राकर ने कह दिया मनोरंजन कमेटी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में सत्तापक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर हैं। शराबबंदी को लेकर एक बार फिर सियासी पारा चढ़ता नजर आ रहा है। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने शराबबंदी की कमेटी को मनोरंजन कमेटी कहते हुए सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं शराबबंदी कमेटी के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने कहा है कि शराबबंदी होगी या नहीं, यह भविष्य के गर्त में है।
सत्ता पक्ष के लिए चुनौती का सबब यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शराबबंदी का वादा अपने चुनावी घोषणा पत्र में किया था। लगभग साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई स्थायी फैसला नहीं हो सका है। ऐसे में शराबबंदी सियासत का बड़ा विषय बना हुआ है। चुनाव के ठीक पहले शराबबंदी एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का मसला बन गया है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने शराबबंदी की कमेटी को मनोरंजन कमेटी करार दिया है। अजय चंद्राकर ने कहा कि साल 2018 में सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने शराबबंदी के लिए एक कमेटी का गठन किया, जिसका अध्यक्ष कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा को बनाया गया। इस कमेटी में बीजेपी के विधायकों को भी शामिल किया गया। शराबबंदी कमेटी की कई बैठकें भी हुईं। इस कमेटी ने उन राज्यों का दौरा भी किया, जहां शराबबंदी हो चुकी है, लेकिन छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर अभी तक सवालिया निशान कायम है।
इधर शराबबंदी कमेटी के अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने स्पष्ट संकेत दिया है कि निकट भविष्य में तो ऐसा नहीं होने जा रहा है। शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शराब पर सियासत कोई नई बात नहीं है। शराब बंदी पर आए दिन विपक्ष सवाल उठाता रहा है, जिस पर सत्ता पक्ष पलटवार करता रहा है। राजनीतिक लड़ाई के बीच प्रदेश में शराबबंदी होगी या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सकता है। शराबबंदी होगी या नहीं, यह भी भविष्य के गर्त में है।
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